पिछला भाग पढ़े:- स्कूल मैडम की जवानी-6
हिंदी चुदाई कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कैसे मैंने एकता की सहेलियों की मदद की, और फिर वो तीनों मेरी सेवा करने को मुझे घर ले गई। घर जा कर हमारा रोमांस शुरू हुआ। अब आगे-
सुमन ने मेरी टीशर्ट उतार दी, और मेरे सीने को चूमने लगी। निधि मेरे होठों से ही चिपकी रही। मेरे एक निप्पल को सुमन और एक निप्पल को मीनू चूसने लगी। मैं तो तीन अप्सराओं से घिरा हुआ जन्नत में पहुंच गया था। मेरा लंड एक-दम कड़क हो गया था, लेकिन टाइट जींस में कुछ कर नहीं पा रहा था।
निधि और सुमन उपर से ही मेरे लंड को मसलने लगी। क्योंकि दोनों सेक्स की माहिर खिलाड़ी थी। सुमन पहले से ही थी, और निधि को मैंने माहिर बना दिया था उसकी दो बार की चुदाई में।
अब मैंने मीनू, जो एक-दम नई-नवेली हसीना थी, को पकड़ा, और उसके होंठ अपने होंठों से चूसने लगा। वो भी मेरे होंठ चूसने लगी। तभी मैंने देखा सुमन और निधि ने मेरी जींस उतार दी और मेरे अंडरवियर को नीचे करके मेरे लंड पर अपनी जीभ फेरने लगी दोनों ही। मैं मीनू के होठ चूस रहा था, और उसके बूब्स दबा रहा था।
हम दोनों खड़े हुए एक-दूसरे से चिपके थे, और वो दोनों नीचे बैठ कर लंड को चूसने में लगी हुई थी। तभी निधि ने मीनू की जींस उतार दी। मीनू पैंटी में आ गई। वो एक-दम शरमा गई, और अपनी चूत पर हाथ रखने लगी।
तभी सुमन बोली: साली कोई भी अपने हाथ अपने अंगों पर नहीं रखेगा, दूसरा ही रखेगा।
अब सुमन कुछ गेम खेलने के मूड में आ गई। मैंने सुमन को उपर उठाया और उसका ब्लाउज खोल दिया। साड़ी भी मैंने उसके जिस्म से हटा दी। अब वो पेटीकोट और रेड कलर की ब्रा में आ गई। मीनू का टॉप निधि ने उतार कर उसे नंगा कर दिया। उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी। अब मीनू बिलकुल नंगी सुमन उपर से नंगी थी। मैंने निधि को पकड़ा, और उसका सूट निकाल दिया। उसकी सलवार सुमन ने निकाली।
ऐसा करते ही निधि भी व्हाइट कलर की ब्रा और प्रिंटेड पैंटी में आ गई। हम चारों लगभग नंगे हो गए। इतने में मेरे इतने बड़े लंड को देख कर मीनू बोली-
मीनू: कुछ ज्यादा बड़ा नहीं है? मेरी तो चूत ही छोटी सी है। ये तो पूरा फाड़ डालेगा।
सुमन बोली: साली आज मजा लेले। ऐसा लेने के लिए मैं तो कब से तड़प रही हूं। तू बड़ी किस्मत वाली है जो तेरी सील ही इससे टूटेगी।
ये बात हो ही रही थी कि मैंने अपना हाथ मीनू की चूत पर रख दिया, और बहुत प्यार से हाथ फेरा। क्या मुलायम और छोटे-छोटे बाल वाली गुलाबी चूत थी। मैं प्यार से उसे छूता रहा। वो जोश में आई और मेरा मोटा और लंबा लंड अपने हाथ में लेकर उसे चूमने लगी।
सुमन बोली: ये हुई अच्छे बच्चों वाली बात। आज हम पहले तेरी ही सील तुड़वाते है।
सुमन ने झट से मीनू को बेड पर लिटाया, और मुझे बोली: अरुण फाड़ दो इसकी नई-नवेली चूत को।
सुमन ने उसके हाथ पकड़ लिए बेड पर, और उसके मुंह को सील कर दिया अपने मुंह से। निधि मेरे लंड को पकड़ कर हिला रही थी। फिर जब मैं मीनू की चूत के पास लंड को ले आया, तो उसने लंड को पकड़ कर उसकी चूट के छेद पर सेट किया।
बिलकुल ऐसे ही एकता ने किया था, जब निधि की सील मैंने तोड़ी थी। आज मुझे एक और सील तोड़ने का मौका मिलने जा रहा था। मैं बहुत खुश था। निधि ने जैसे ही लंड को मीनू की चूत पर सेट किया, मैंने एक धक्का मारा, तो मेरा लंड आधा उसकी चूत में चला गया। वो एक-दम तड़प उठी। उसकी चूत बहुत छोटी थी। वो चिल्ला ना सकी, क्योंकि सुमन ने उसके होंठ अपने होंठों से जोर से पकड़ रखे थे।
तभी निधि उसके बूब्स चूसने लगी, और बोली: थोड़ा शांत हो, अभी मजा आने लगेगा।
मैंने फिर एक और जोरदार झटका मारा। वो बोल कुछ ना सकी, लेकिन उसके आंखो से पानी और चूत से खून आने लगा। लेकिन मैं रुका नहीं, दनादन उसे चोदे जा रहा था। तभी वो भी अपने चूतड़ उपर उठाने लगी, मैं समझ गया अब उसे भी मजा आने लगा था। सुमन ने उसके होंठ और निधि ने अब उसके बूब्स छोड़ दिए। मैं जरा रुका।
तभी मीनू आंख बंद करके बोल रही थी: और चोदो ना, थोड़ा जोर से।
अब मैं पूरी तरह मीनू पर चढ़ गया और उसे मिशनरी पोजीशन में ले आया। मैंने अपने दोनों हाथ उसकी गर्दन के नीचे डाल कर कड़ा दबा लिया, और चुदाई शुरू कर दी। वो दोनों हमारे दोनों तरफ लेट गईं। अब तीनों के हाथ मेरी पीठ पर थे। मीनू ने मेरे चेहरे को कस कर पकड़ लिया, और निधि और सुमन मेरी पीठ सहला रही थी।
करीब पंद्रह मिनट बाद मैंने बोला: अंदर ही निकल दूं क्या?
तो मीनू बोली: नहीं।
इतने में सुमन ने अपना पेटीकोट ऊपर करके अपनी पैंटी निकाल ली। उसकी चूत पर काफी बाल थे।
वो बोली: इधर आ कर मेरे में झड़ जाओ। मुझे कोई डर नहीं है।
इस बीच मीनू दो-तीन बार झड़ चुकी थी। क्योंकि अब लंड आराम से उसकी चूत में जा रहा था, और फच-फच की आवाज आ रही थी। अब मैंने तुरंत अपना लंड बाहर निकाला, और सुमन के उपर आ गया, और उसकी चूत में डालने लगा। उसने अपनी टांगे फैला दी। वो सेक्स की एक अनुभवी खिलाड़ी थी। मेरा लंड उसकी चूत में आराम से चला गया। उसने अपनी टांगे मेरे उपर रख ली, और अपने हाथों से मुझे कड़ा पकड़ लिया।
इस सब तैयारी में लंड से मेरा मॉल निकलने में थोड़ी देरी हुई, जिसका फायदा सुमन ने उठाया, और वो अपने चूतड़ उठा-उठा कर मुझसे दना-दन चुदने लगी। अब करीब दस मिनट बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। हम दोनों करीब पांच मिनट ऐसे ही लिपटे रहे।
इतनी देर में मीनू को निधि बाथरूम में ले गई। उससे चला नहीं जा रहा था। वो पहली बार चुदी थी, वो भी मेरे एक-दम तगड़े लंड से। निधि सहारा देकर मीनू को ले गई और दूसरे कमरे में लिटा आई। मैं भी बाथरूम में गया, और लंड को धोया, क्योंकि मीनू की चूत से बहुत खून निकला था।
मैं नंगा ही कमरे में आ गया। अब निधि कातिल निगाहों से मुझे घूर रही थी, क्योंकि उसकी चुदाई नही हुई थी। वो मेरे पास आई और मेरा लंड हिलाने लगी। मेरा थोड़ा नरम हो गया था, क्योंकि अभी-अभी एक कुंवारी लड़की को चोदा था, और एक अनुभवी खिलाड़ी के साथ सेक्स किया था। बाद में उसे ठंडे पानी से धोया भी था। तो खड़ा होने में कुछ टाइम तो लगना ही था। लंड में थोड़ा दर्द भी हो रहा था। मीनू की चूत बहुत टाइट थी।
तभी निधि ने मेरा पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया। वो भूखी शेरनी की तरह मेरा चूसे जा रही थी। मैंने उसका सर पकड़ कर दबा लिया। मेरा लंड भी अब कड़क हो गया। वो मुझे लिटा कर मेरे उपर आ गई, और लंड को चूत में डाल कर उपर-नीचे होने लगी। उसकी चूत एक-दम चिपचिपी हो गई थी, इसलिए लंड को अंदर जाने में देर नहीं लगी। लेकिन चूत उसकी टाइट ही थी।
वो थोड़ी देर ऐसे ही करती रही। अब मैंने उसे अपने ऊपर से नीचे लिटाया, और उसकी चूत के पास अपना मुंह लगा कर उसे जीभ से चोदने लगा। वो तुरंत झड़ गई, और मेरा मुंह अपनी चूत पर दबाने लगी। मैंने देखा वो झड़ गई थी, तो मैं तुरंत उसके उपर आ गया, और लंड को उसकी चूत पर सेट करके धक्का मार दिया। लंड सटक से अंदर चला गया। उसको मजा आने लगा, और वो जोर-जोर से बोलने लगी-
निधि: जोर-जोर से चोदो मेरे राजा।
उसकी आवाज सुन कर सुमन हमारे कमरे में आ गई, जो पहले मीनू के साथ दूसरे कमरे में चली गई थी, और मीनू को शांत करा कर आ गई। वो हमारी चुदाई का मजा लेने लगी, और अपनी चूत में उंगली डाल कर आगे-पीछे करने लगी। शायद उसकी गर्मी शांत नही हुई थी। वो भी मुझे चूमने लगी। मेरी पीठ पर काटने लगी। लेकिन मैं तो बेपरवाह निधि को चोदे जा रहा था।
करीब आधे घण्टे बाद मैं निधि की चूत में झड़ने वाला ही था, कि निधि बोली: अंदर मत डालना।
लेकिन सुमन फिर से उसके लिए तैयार थी, और उसने अपनी टांगे फैला दी। मैंने फटाक से निधि की चूत से लंड बाहर निकाला, और सुमन के उपर आ कर उसकी चूत में लंड डाल कर उसे चोदने लगा। मैं पांच मिनट में झड़ गया, और वहीं नंगा ही सो गया।
करीब एक घंटे बाद मेरी आंख खुली तो मैं नंगा ही सो रहा था। वो तीनों दूसरे रूम में कपड़े पहन कर लेटी थी। मैं जल्दी से उठा, बाथरूम में गया, शावर लिया, और कपड़े डाल कर बाहर आया। फिर उनके रूम में चला गया। वो लोग खाना खा रही थी। मैंने भी उन्हें ज्वाइन किया, और खाना खा कर जाने लगा।
तो निधि बोली: थैंक्स अरुण जी, हम तीनों को मजा देने के लिये।
मैंने मजाक किया: सुमन आपका जंगल बहुत गहरा है।
वो बोली: सब इतनी जल्दी हुआ कोई तैयारी का मौका नहीं मिला। आगे मिलेंगे तब साफ मिलेगा।
निधि बोली: आप हमे वापस मार्केट छोड़ दीजिए, हमें समान लेना है।
लेकिन मीनू बोली: मैं अभी नहीं जाऊंगी।
उसे अभी भी दर्द हो रहा था। वो वहीं रुक गई। मैंने उन दोनों को मार्केट छोड़ा, और घर चला गया।
दोस्तों आपको मेरी ये एक-दम सच्ची सेक्स कहानी कैसी लगी?