अखिल और मल्लिका-1

इस xxx हिंदी सेक्स कहानी के किरदारों के नाम बदले हुए है, बाकी कहानी एक सत्य घटना पर है। कहानी के मुख्य किरदार अखिल ब्राह्मण, रोहित पंडित (अखिल का दोस्त) और मल्लिका पठान (कहानी की हीरोइन) है। चलिए कहानी शुरु करते हैं। अखिल के प्रथम वर्ष के पेपर हुए थे, और वो ज्यादातर टाइम सेक्स वीडियो देखता रहता था अपने कमरे में।

अखिल शाम को अपने दोस्त जो उसी की गली के आगे रहता है, रोहित के घर जाता है। अखिल अपनी बाइक उठाता है और लड़कियों को ताड़ता हुआ चला जाता है। रोहित को उसके गेट के बाहर बुलाता है कि अखिल की नज़र एक लड़की पर पड़ती है जो बुरका पहने हुए थी, और दिखने में हूर की परी, बदन एक दम ऊर्फी जावेद की तरह। उस लड़की को देख कर वो पागल पड़ जाता है।

अखिल रोहित से पूछता है: ये कौन है?

उसका दोस्त बोलता है: ये अपनी बहन के यहां आई है। कुछ दिन के लिए।

अखिल उसे घूरता है, वो भी अखिल को देख कर हंस देती है। अखिल अपनी नज़रों को मल्लिका की तरफ से हटाना चाहता था। लेकिन अखिल की नज़र नहीं हटती है।

तभी मल्लिका अखिल के पास आती हैं, और बोलती है: मेरा फोन नहीं मिल रहा, क्या आप कॉल कर देंगे?

अखिल की तो किस्मत की घंटी बज जाती है। अखिल मल्लिका को फोन करता है, और फोन की घंटी बजती है। फोन मल्लिका की दीदी के गेट के बाहर ही रखा था।

मल्लिका बोलती है: अखिल रात को फोन करना।

फिर अखिल घर आ जाता है और खुद को कोसने लगता है: ये कैसा पाप हो गया! वो मांस खाती होगी, और मुझे मांस देख कर ही उल्टी जो जाती है।

अखिल खुद को कोसता है और मन ही मन भगवान से माफी मांगता है। कि तभी फोन की घंटी बजती है, और ये किसी और का फोन नहीं मल्लिका पठान का फोन था। अखिल खुद को रोकने की कोशिश करता है, पर तभी मल्लिका का चेहरा उसे याद आ जाता हैं। फिर अखिल सारी बातें भूल कर फोन उठा लेता है।

फोन उठाते ही अखिल बोलता है: आपका नाम क्या है? वहां पर मेरी हिम्मत नहीं पड़ी नाम पूछने की और पठान लोगों से तो दुनिया डरती हैं।

तभी वो बोलती है: मेरा नाम मल्लिका है।

अखिला: जैसी शक्ल वैसा नाम। आप बहुत सुंदर है मल्लिका जी।

मल्लिका: आपका नाम क्या है? और आप मुझे घूर क्यों रहे थे बोलो (थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए)?

अखिल: मेरा नाम अखिल ब्राह्मण है और मुझे खुद पर शर्म आ रही है कि मैं लड़की को देखते ही सब कुछ भूल गया।

मल्लिका‌ हंसने लगती है और बोलती है: इसमें आपका क्या कसूर? मैं हूं ही इतनी सुंदर।

अखिल: मुझे बहुत गिल्ट हो रहा है।

मल्लिका: इसमें गिल्ट की क्या बात है? ये नया भारत है? मेरी बीच वाली बहन एक तुम्हारे जैसे लड़के के साथ भाग गई थी।

अखिल, जिसने अभी प्रथम वर्ष के पेपर दिए थे। वो इन बातों से सोचता है, कि बात तो सही है। अखिल मल्लिका के हुस्न में सब कुछ भूल चुका था। उसे बस मल्लिका के साथ सेक्स करना था, इसीलिए अखिल मल्लिका की और तारीफ करता है।

मल्लिका एक 24 साल की लड़की थी। वो अखिल की बातों से सब समझ जाती है, पर वो बताती नहीं है, और मजे लेती है। कुछ देर बाद दोनों फोन रख देते है, और अखिल मल्लिका के ख्यालों में खोया हुआ था। वो सोचता है कि मल्लिका को कैसे चोदे। तभी अखिल रोहित को फोन करके सब बताता है।

रोहित एक योजना बनाता है, और बोलता है: जब मल्लिका का फोन आया तो मुझे मैसेज करना, और मैं फोन करूंगा और ऐसे बात करूंगा जैसे मल्लिका हो ही नहीं।

फिर अखिल यही करता है। जब मल्लिका फोन आता है अखिल रोहित को मैसेज करता है और रोहित जब फोन करता है, तो अखिल उठा कर कांफ्रेंस कर देता है।

अखिल: यार रोहित क्यों फोन लगाया?

रोहित: यार कुछ नहीं बस ऐसे ही जबसे तू उस लड़की को देखा है तो पागल हो गया है। दिन रात उसी की बात। पूरा उसके प्यार में पागल हो गया है।

अखिल (एक्टिंग करते हुए): भाई प्लीज चुप कर जा।

क्योंकि कांफ्रेंस में मल्लिका भी थी और अखिल ने मल्लिका को म्यूट करने को कहा था, तांकि मल्लिका अखिल और रोहित की बात सुन सके। सब कुछ प्लैन के मुताबिक ही था।

रोहित: क्या चुप हो जा बे? तू तो ऐसे बोल रहा है जैसे वो सुन रही हो। साले तू पूरा पागल हो गया है। सिर्फ उसी की बातें और उसी के नाम की माला।

तभी मल्लिका अपना म्यूट हटा कर बोलती है: अखिल रोहित ये क्या बोल रहा है? क्या ये सच है?

रोहित: तूने बताया क्यों नहीं कि मल्लिका भी है है कॉल पर?

अखिल: कह तो रहा था चुप हो जा साले। मल्लिका मुझे माफ करना, पर तुम्हें देखते ही मैं प्यार करने लगा था।

मल्लिका: मैं तो तुम्हे एक दोस्त समझती थी, और तुम क्या निकले!

रोहित: भाभी ये बहुत प्यार करता है, और मैं अब कबाब में हड्डी नहीं बनूंगा।

एक ही पल में अखिल को अपने सपने टूटते हुए दिखे, और मन में रोहित को गाली दे रहा था कि साला फंसा कर फोन काट के चला गया। वो मल्लिका से सॉरी बोल रहा था।

मल्लिका: मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी। पर एक बात बोलूं? मैं भी तुमसे प्यार करती हूं।

अखिल को अपने कानो पर विश्वास नहीं होता है। वो खुशी से पागल हो जाता है।

मल्लिका: आई लव यू अखिल, और ये कोई सपना नहीं है।

अखिल: आई लव यू टू।

और फोन पर आधे घंटे की बात के बाद अखिल मल्लिका से पूछता है: तुमने क्या पहना है?

मल्लिका ये बात अच्छे से जानती थी कि अखिल एक कॉलेज में पढ़ने वाला बच्चा है, और उसकी आग को कैसे ज्वाला मुखी में बदलना है।

मल्लिका बोली: मैंने अपना बुरका पहना है, और अंदर ब्रा-पैंटी।

ब्रा-पैंटी जैसे शब्द सुन कर उसका 12 इंच का लौड़ा एक दम टाइट खड़ा हो जाता है, और उसकी प्यास ज्वालामुखी में बदल जाती है।

अखिल (थोड़ा अंजान बनते हुए): ये ब्रा-पैंटी क्या होती है? मुझे पता नहीं है।

मल्लिका: उफ्फ तुम तो बहुत भोले हो ब्राह्मण जी। लड़कियां अपने बूब्स पर ब्रा पहनती है, जिससे चलने पर हिले नहीं, और पैंटी अपने मेन पार्ट पर पहनती है।

अखिल का लौड़ा फट जाने को हो जाता है। अखिल की सांसे तेज हो गई ऐसे शब्द सुन कर, और वो बोला: मल्लिका प्लीज ऐसी ही बातें करो।

मल्लिका: अखिल तुम्हें क्या हुआ? तुम्हारी सांसे तेज हो गई है।

मल्लिका को पता था अखिल क्या कर रहा था।

मल्लिका: अखिल बेबी क्या कर रहे हो तुम? साफ साफ बताओ बेबी।

अखिल बेबी जैसे शब्द सुन कर पागल हो गया और बोला: मल्लिका मेरी जान, मैं अपना लंड हिला रहा हूं, और तुम्हारे बारे में बहुत गन्दा सोच रहा हूं।

मल्लिका भी पूरी गरम हो जाती है और अपनी चूत पर उंगली करने लगती है, और बोलती है: अखिल बेबी तुम्हे शर्म नहीं आती, तुम ऐसी घटिया हरकत कर रहे हो? और पता नहीं मेरे बारे में क्या-क्या सोच रहे हो, छी!

अखिल: मल्लिका मैं पागल हो गया हूं। मुझे शर्म नहीं आती। मुझे तुम चाहिए हो, और तुम्हारी चूत। दिल तो कर रहा है तुम्हारे होंठ चूस डालू, और तुम्हारी चूत फाड़ डालूं। तुम्हारे दूध देख कर तो मेरे मुंह में पानी आ जाता है। तुम्हारा फिगर देख कर तो मेरा क्या किसी बुड्ढे का भी खड़ा हो जाए।

मल्लिका (अपनी चूत में उंगली डालते हुए): उफ्फ बेबी! और तुम क्या करतें अगर मैं तुम्हारे पास होती?

अखिल: तुम्हारे होंठो पे अपने होंठ दे देता, और उन्हें कस के चूस लेता, और एक एक रस पी लेता।

मल्लिका: बेबी चूस लो मेरे होंठो को (सेक्स काल में इमेजिनेशन में खोते हुए)। इस  पठान की लड़की पर केवल तुम्हारा हक है।

अखिल: उफ मल्लिका, अब तेरा बुरका फाड़ दूंगा, और तेरी पैंटी भी हटा दूंगा। और तू कुतिया की तरह मुझसे रहम मांगेगी

मल्लिका: उफ्फ मेरे शेर, प्लीज इस लड़की के साथ ऐसा मत करो, प्लीज। मैं पूरी पाक हूं। मुझे नापाक मत करो।

अखिल‌ (सेक्स काल की इमेजिनेशन में खोता हुआ बोला): तुझ पर रहम नहीं कर सकता, आ मेरे पैर छू, और अपनी चूत चटवा।

मल्लिका: उफ्फ मेरे शेर, मेरी चूत चाटो। उफ्फ उफ्फ।

अखिल: तेरी चूत बहुत रसीली है (फोन काल पर इमेजिन करता हुआ बोला, और दूसरी ओर अपने लौड़े को तेजी से हिला रहा था।) अब साली चूत में लेने को तैयार हो जा 12 इंची का बड़ा लंड।

12 इंची सुन कर उसके कान फट गए, और होश उड़ गए, और वो खुश भी हो गई कि उसकी किस्मत अच्छी थी।

मल्लिका: उफ्फ चोद दो इस चूत को मेरे शेर।

अखिल: ले इस शेर के लंड से तेरी चूत कबाड़ा हो जाएगी। तेरा सारा गुरुर उतर जाएगा, ले साली।

मल्लिका इतना खो गई कि उसे काल की ये बाते रियल लगने लगी, और वो फारिग हो गई।

फिर उसने बोला: अखिल मेरी चूत का पानी आ गया है। उफ्फ आह मजा आ गया।

अखिल‌ का भी स्पर्म इतना ज्यादा निकला, जितना उसने सोचा भी नहीं था। अखिल फोन पर फोन सेक्स पहली बार कर रहा था, और वो इस मजे में खो गया था।

वो बोला: मल्लिका बहुत मजा आ गया। ये पोर्न वीडियो देखने से हजार गुना अच्छा है।

मल्लिका: सही कह रहे हो अखिल बेबी, पर अभी कुछ हलचल हुई हैं कमरे के बाहर। मुझे डर लग रहा है। कहीं दीदी या जीजा ना जान जाएं, मैं इतनी रात को किसी से बात कर रही हूं। इसीलिए अखिल    आई लव यू, एंड गुड नाईट।

अखिल: आई लव यू टू। गुड नाइट।

और दोनों सो जाते है। दोस्तों ये पार्ट यहीं खत्म करना चाहूंगा, और उम्मीद करूंगा कि आपको पसंद आया होगा। इस xxx हिंदी सेक्स कहानी के अगले पार्ट में जानेंगे कि मैंने मल्लिका को कैसे चोदा।