मौसी सात बजे के बाद ही कपूर अंकल के घर से आयी। आते ही अपने कमरे में चली गयी और फिर करीब आठ बजे बाहर आयी – मैक्सी डाले हुए। आते ही सोफे पर पसर गयी। टांगें बीच पड़े सेंटर टेबल पर रख दीं और टीवी चालू कर दिया।
मौसी ने मेरी तरफ देखा और पूछा, “काजल अपने कमरे में है वरुण”?
मैंने बताया, “मौसी वो कह रही थी उसे कम्प्यूटर पर कुछ काम करना है”।
मौसी बोली, “अच्छा ? चल तो फिर तू बता क्या लगाऊं टीवी पर “।
मैंने भी कहा, “मौसी कुछ भी लगा लो पर वो एकता कपूर वाले सीरियल मत लगाना “।
मौसी भी ढिठाई से हँसते हुए बोली, “फिर वही बात ? वरुण एकता कपूर के सीरियल आज कल सब से ज़्यादा चल रहे हैं। तुझे पता है, छोटे बड़े मिला कर तीस से ज्यादा अवार्ड मिल चुके हैं एकता कपूर को “।
फिर मौसी बोली, “चल ठीक है, तू कहता है तो एकता कपूर का सीरियल नहीं लगाती “।
मगर जो मौसी ने लगाया, वो एकता कपूर के सीरियल से भी चार कदम आगे था।
ये सीरियल एक लेखक की कहानी थी जो सेक्सी किताब लिखना चाहता है – चुदाई कि किताब। इस लिए ख्यालों में अलग अलग लड़कियों के साथ सम्बन्ध बनाता है – अलग अलग तरीके से चुदाई करता है और उसे कहानी की शक्ल दे देता है। पूरा सीरियल तेरह चौदह कहानियों का संकलन था।
सीरियल का नाम शायद मस्तराम था।
और सीरियल के विभिन्न भागों के नाम भी क्या कमाल के थे।
बस का सुहाना सफर, मास्टर जी का डंडा, मल्लू आंटी का मालामाल, बनिए का लॉलीपॉप, बुआ के छप्पन आसन, सोनू का यौवन वगैरह वगैरह।
सभी भागों में ख्यालों में चुदाईयां थी – दो दो तीन तीन – अलग अलग तरीके से। और ये सीरियल मौसी देख रही थी मेरे सामने। काजल की शिकायत ठीक ही थी। ऐसे सीरियल देख कर तो किसी का भी मन चुदाई करने या करवाने का हो सकता है।
मौसी ने वही लगा दिया।
सीरियल की पहली ही कहानी में नायक एक बस में एक लड़की के साथ ख्यालों में सेक्स करता दिखाया था। लड़का बस की सीट पर बैठ कर लंड निकलता था और लड़की लंड पर बैठ कर सेक्स – चुदाई करती है। बस लंड और चूत ही नहीं दिखाए – बाकी सब था।
मैंने मौसी से कहा, “मौसी अब ये क्या है। इससे तो उस दिन वाला एकता कपूर का सीरियल ही ठीक था “।
मौसी हंस कर बोली, “तो वो लगा दूं”?
“मेरा वो मतलब नहीं मौसी। मैं सिर्फ ये कह रहा हूं ये परिवार के साथ बैठ कर देखने वाले सीरियल नहीं। अकेले बैठ कर देखने वाले हैं “।
मौसी पूरी ढिठाई के साथ बोली, “अकेले में बैठ कर ऐसा क्या हो जाएगा वरुण जो परिवार में बैठ कर देखने से नहीं होगा ” – और वो सीरियल देखने लगी।
सीरियल पूरा का पूरा चूमा चाटी और चुदाई के सीनों से भरा पड़ा था। कोइ कहानी नहीं – और जो कहानी बताई भी जा रही थी उन सेक्सी सीनों के साथ कोइ मतलब नहीं निकल रहा था।
मौसी पूरे ध्यान के साथ सीरियल देख रही थी। बीच बीच में मौसी मैक्सी के ऊपर से अपनी चूत भी सेहला लेती थी और साथ ही मुझे भी देख लेती थी।
पता नहीं क्यों मुझे अब लगने लगा था की असल में मौसी मुझ पर डोरे डालने के लिए ये सब कर रही है।
यूं ही मेरे दिमाग में ये ख्याल आया कि वो तो मौसी को चार दिनों के लिए रोहतक जाना पड़ गया और काजल मुझ से चुद गयी, नहीं तो मौसी का अपना इरादा था मुझ से चुदाई का।
जिस तरीके से इस तरह के सीरियल मेरे सामने मौसी देख रही थी वो अजीब ही तो था। वरना ऐसा भी क्या था कि कोइ रोज ही ये गंद भरे सीरियल देखे वो भी बच्चों के सामने।
टीवी पर तो आज कल दुनियां भर के सीरियल आते हैं एक से बढ़ कर एक – परिवार के साथ देखने वाले। मगर ये मस्तराम ? वो भी मौसी देख रही थी – मेरे सामने ?।
अचानक मुझे काजल कि बात याद आयी “और एक बात और बता दूं वरुण, अगर मंम्मी ने तुमसे चुदाई करवाने का मन बना लिया तो वो तुमसे चुदाई करवा कर ही मानेगी”।
मैंने सोचा चलो देखते हैं, मौसी का इरादा क्या है।
मौसी सेक्सी सीरियल में डूबी हुई अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी। इतनी देर से सीरियल के सेक्सी सीन और मौसी को अपनी चूत पर हाथ फेरता देख अब तो मेरे लंड में भी हरकत होने लगी थी। मुझे भी अपने लंड को बार बार पैंट के अंदर हिला कर ठीक से बिठाना पड़ रहा था।
मौसी मजे से चूत सेहला रही थी और मुझे अपनी तंग पैंट में खड़े होते हुए लंड के कारण दिक्क्त हो रही थी।
मैंने मौसी से कहा, “मौसी मैं कपडे बदल कर आता हूं। अब कही जाना तो है नहीं”।
मौसी ने कहा, “ठीक है”, लेकिन मौसी कि नजर मेरे लंड वाली जगह पर ही थी – और हाथ अपनी चूत पर।
यकीनन मौसी का इरादा नेक नहीं था।
मैं तो केवल ये चाहता था की किसी तरह काजल इस घुटन से बाहर निकले। अब इन चार दिनों में हालात ही ऐसे बन गए कि काजल मुझ से चुद गयी, मगर आखिर को काजल थी तो मेरी बहन ही।
मैं गया और ढीला ढाला पायजामा कुर्ता पहन कर फिर आ कर सोफे पर बैठ गया।
वही सीरियल चल रहा था। पहला कामुक सीन खत्म हो चुका था। दूसरा चल रहा था।
ऐसे सीरियलों में और होता भी क्या है।
मौसी वैसी ही बैठी बड़े ध्यान से से टीवी देख रहे थी। नज़रें टीवी की स्क्रीन पर थीं मगर हाथ चूत पर। मौसी की मैक्सी अब घुटनों तक पहुंच गयी थी – या मौसी ने खुद ही मैक्सी घुटनों तक सरका ली थी।
मैं सोफे पर वापस अपनी जगह पर बैठ गया।
सीरियल के कामुक सीन – लगभग चुदाई वाले और मौसी का चूत सहलाता हाथ – मेरा लंड खड़ा होने लग गया।
सोच रहा था अगर मौसी ने चुदाई के लिए कह दिया तो ?
मेरी मां से एक मिनट बड़ी मेरी मां की बहन – मेरी मौसी – कैसे चोद पाऊंगा मै उसे।
मगर फिर जेहन में एक ख्याल आया – “अपनी मौसेरी बहन को भी तो चोदा ही है”।
राक्षस फिर ज़मीर पर हावी था। लंड खड़ा होने लग गया। मौसी अब मुझे केवल एक औरत लग रही थी – जैसे उस दिन काजल मुझे केवल एक लड़की लग रही थी।
मैं अपने लंड पर हाथ फेरने लगा जो धीरे धीरे सख्त हो रहा था।
तभी मौसी ने मेरी तरफ देखा और एक नजर मेरे लंड पर डाली, “क्या हुआ वरुण कोइ परेशानी है क्या “?
मैंने अचकचा कर लंड छोड़ दिया, “नहीं मौसी कोइ परेशानी नहीं”।
मौसी उठ कर मेरे पास आ गयी और बोली, “कुछ तो है वरुण। फिर मेरे लंड की तरफ इशारा करके बोली, तंग कर रहा है क्या “?
मैंने कहा “नहीं मौसी, वो सीरियल ही ऐसा है। आप भी तो कैसे कैसे सीरियल लगातीं हैं टीवी पर “।
और मैंने एक बार फिर लंड खुजलाया – खुजलाना ही पड़ा”।
मौसी ने पायजामें के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया और बोली, “देखूं ज़रा”। और फिर बोली, “अरे वाह वरुण, ये तो पूरा जवान लग रहा है मर्दों वाला है। दिखा तो सही ज़रा”।
मौसी ने मेरा पायजामे का नाड़ा खोल दिया और लंड हाथ में ले लिया।
मौसी के मुंह से निकला, “ओह माई गॉड, इतना बड़ा लंड”?
दो मिनट तो मौसी को ऐसे ही देखती रही, फिर बोली, “वरुण चल चुदाई करें I देखूं तो सही, कितना दम है तेरी इस बन्दूक में। निशाना भी लगाती है या ऐसे ही रखी हुई है दिखाने के लिए “? ये कहते हुए मौसी हंस पड़ी। “।
मैंने कहा, “मौसी काजल ? अगर वो आ गयी तो “?
मौसी के सर पर तो चुदाई का भूत सवार था। वो बोली, “नहीं आएगी, चल तू। और आ गयी तो आ गयी। तब की तब देखेंगे”।
मैंने कहा,”मौसी आप चलो, मैं काजल को देख कर आता हूं”।
“ठीक है”, कह कर मौसी अपने कमरे में चली गयी।
मैं काजल के कमरे में गया। काजल कम्यूटर पर काम कर रही थी।
काजल ने पहले मेरी ओर देखा, फिर पायजामे में सात इंच के उभार को देख कर बोली, “क्या हुआ वरुण, चुदाई करने आये हो “?
मैंने कहा,”अभी नहीं काजल। मैं ये बताने आया हूं की मौसी मुझसे चुदाई करवाने वाली है। मौसी ने मस्तराम सीरियल लगा दिया। उसमें तो सारे के सारे चुदाई के ही सीन भरे पड़े हैं। उन्हें देख कर तो मेरा भी खड़ा हो गया”।
काजल हैरानी से बोली, “वो वाला सीरियल ? फिर तो मंम्मी का पहले से ही आज तुमसे चुदवाने का इरादा था। उस सीरियल में तो है ही चुदाईयों की कहानियां। तो अब तुम मम्मी को चोदने जा रहे हो “?
मैंने जवाब दिया, “हां और कोशिश करूंगा आज बात भी हो जाए। और मौसी को चोदने के बाद रात को यहां आ जाऊंगा तुम्हारे पास, तैयार रखना इसको”, मैंने काजल की चूत छूते हुए कहा।
काजल हंसी, “मम्मी दम छोड़ेगी भी तुममे एक और चुदाई का “?
“देखते हैं”, और ये कह कर मैं मौसी के कमरे की तरफ बढ़ गया।
मौसी के कमरे में पहुंचा। दरवाजा खुला थाऔर मौसी नंगी लेटी हुई थी। सच ही मौसी को किसी का डर नहीं । मुझे देखते ही बोली, बड़ा टाइम लगा दिया वरुण”?
मैं कुछ नहीं बोला। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और बैड के पास जा आकर बोला, “मौसी कैसे करवानी है, कैसे शुरू करें”।
मौसी बोली, “तू उसकी फिकार ना कर। तू बस मेरी चूत को चूस कर गरम कर, अपना लंड चुसवा और लेट जा। आज मैं तेरे ऊपर बैठ कर तेरा ये लम्बा लंड अंदर लूंगी”।
आज ? वाह। मतलब कल लंड कहां और कैसे लेना है ये भी सोच रक्खा है मौसी ने।
मैंने मौसी की चूत चूसी। मस्त चूत थी – क्या खुशबू आ रही थी अजीब सी खट्टी और नमकीन – स्वाद भी वैसा ही था ।
कुछ देर में मौसी बोली, अजा वरुण लेट जा। मौसी ने दस मिनट मेरा लंड चूसा । मौसी को लगता था लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा था।
मैंने कहा, “मौसी, कितना चूसोगी, मुंह में छुड़वाना है क्या “?
“नहीं वरुण, छुड़वाना तो चूत में ही है, मगर इतना बड़ा लंड पहली बार देखा है। इस लिए चूसने से दिल नहीं भरा”।
ये सुनते ही मेरा लंड और सख्त हो गया। “क्यों मौसी मौसा जी का कैसा है”?
मौसी ने जो कहा, वो सुन कर मेरे होश उड़ गए।
“मौसा को छोड़ वरुण, सामने वाले कपूर और उसके बेटे राहुल का भी इतना लम्बा नहीं “।
मुझे तो काजल ने बताया ही था की मौसी का कपूर के साथ चक्कर है, मगर मौसी इतना खुलकर ये बताएगी, इसकी उम्मीद नहीं थी।
मैंने बनावटी हैरानी से पूछा, “मौसी बाप बेटे दोनों से ? और मौसा जी ? काजल ? अगर इनको पता चल गया तो ? और मौसी चुदवाती कहां हो? होटल में “?
“कभी यहां ही चुदवाती हूं, कभी कपूर के घर में। कपूर की बीवी नेहा को मालूम है। नेहा ने ही मुझे अपने पति से चुदवाने के लिए उकसाया I अब नेहा और मैं इक्क्ठे चुदवाती हैं।
“तो काजल ठीक ही कह रही थी”। मुझे काजल की बात याद आ गयी।
“और तेरे मौसा से अब कुछ नहीं होता। महीनों गुजर जाते हैं हमें आपस में सेक्स किये हुए”।
“और ये कपूर का बेटा राहुल “?
मौसी बोली,”वो तो काजल के चक्कर में आता था”।
“एक दिन मैं ऐसी ही कपडे बदल रही थी, वो मेरे कमरे में आ गया। मैं अभी ब्रा पहनने ही वाली थी। पता नहीं उसे क्या हुआ, एक दम मुझे पकड़ कर मेरी चूचियां चूसने लगा और बोला, “आंटी आप तो बड़ी सेक्सी हो ” कह कर उसने उंगली मेरी चूत में घुसेड़ दी”।
“इक्कीस बाईस साल का राहुल, मेरी चूचियां चूस रहा था। मेरी चूत में उसने उंगली घुसेड़ रक्खी थी। मेरा तो चुदाई का मन होने लगा। मैं बिलकुल बेकाबू हो गयी”।
“बस उस दिन मेरी राहुल के साथ चुदाई हो गयी । उस दिन के बाद राहुल ने काजल की तरफ देख़ना ही बंद कर दिया”।
“सच बोलूं वरुण मुझे भी ये ठीक नहीं लगा। काजल जवान है उसका भी तो लड़कों के साथ थोड़े बहुत मस्ती करने का मन करता होगा”।
तभी मैंने सोचा यही सही वक़्त है मौसी से बात काजल के बारे में बात करने का।
मैंने बात करते करते एक हाथ से मौसी की चूत का दाना सहलाना शुरू कर दिया। इस डर से कि ऐसा ना हो की काजल के बारे में बात सुन कर मौसी का चुदाई का इरादा ही बदल जाए और सारा खेल ही बिगड़ जाए।
“मौसी एक बात बोलूं, उस दिन सीरियल दखते देखते काजल अपनी चूत को छू रही थी और मेरे लंड की तरफ देख रही थी, मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। आखिर को काजल जवान है। इस उम्र में तो कई लड़कियां चदुदाई भी करवा चुकती हैं। और अगर ना भी चुदाई करवाएं, चुदाई की इच्छा जरूर करती हैं “।
“हां वरुण मैंने भी ये बात नोट की थी। लेकिन वरुण मैं ये तो नहीं कह सकती काजल को कि जाओ काजल चुदाई करवा लो “।
“आपकी बात ठीक है मौसी ,मगर आप कुछ ऐसा तो कर सकती हैं कि काजल को कुछ आजादी मिले वो भी लड़कों से दोस्ती कर सके। आखिर आज कल इसमें किसी को कोई एतराज भी नहीं होता”।
मौसी कुछ सोचने लगी। मैं मौसी की चूत कि दाने को सहलाता जा रहा था। मौसी भी बीच बीच में मेरे हाथ पर हाथ रख देती थी।
मैंने बात जारी रखते हुए कहा, “मौसी आप एक काम करो, पहले तो काजल का कालेज बदल दो। उसे सह शिक्षा – को एजुकेशन वाले कालेज में दाखिला दिलवाओ। फिर उसे एक स्कूटी दिलवाओ – कालेज आने जाने कि लिए। इससे काजल में आत्मविश्वास पैदा होगा।
“ये सेक्सी सीरियल काजल कि सामने मत देखा करो। क्यों नहीं एक टीवी अपने कमरे में भी लगवा लेती। मजे से बिस्तर पर ले कर सीरियल देखो और जितना मन आये चूत रगड़ो – मजे लो “।
इस पर मौसी बोली, “चुप शरारती कहीं का “।
मैं बोलता गया, “और मौसी इस राहुल को एक झटका दो – जाने दो उसे काजल कि पास। अगर आपको जवान लंड चाहिए तो मैं हर दुसरे हफ्ते आ जाया करूंगा और आपकी चुदाई कर दिया करूंगा – जितनी आप चाहो, जैसे आप चाहो “।
”सच कहूं मौसी आप सच में हो तो बहुत सेक्सी – एकदम कड़क”।
मौसी हंस कर बोली, “अच्छा ? फिर तो मेरे से एक मिनट छोटी मेरी बहन, तेरी अम्मां, वो भी सेक्सी होगी- एकदम कड़क”।
मैंने भी हंस कर कहा, “बिलकुल मौसी, है तो वो भी सेक्सी – कड़क का तो मुझे पता नहीं”।