अपनी एक्स गर्लफ्रेंड को रंडी बना कर चोदा-2 (एक्स की शादी)

पिछला भाग पढ़े:- अपनी एक्स गर्लफ्रेंड को रंडी बना कर चोदा-1 (बैचलर्स पार्टी)

आपने पहले भाग में तो पढ़ा ही होगा कि किस तरह हम सभी शिवी के आशिकों ने मिल कर शिवी की बैचलर्स पार्टी मनाई थी, और शिवी को रंडियों की तरह चोदा था। इसके बाद समय आ गया था शिवी की शादी का। मेरा शिवी के यहां आना-जाना लगा रहता था कॉलेज के समय पर, और आंटी मुझे अच्छे से जानती थी।

मैंने उनसे कहा: आपको जो भी जरूरत हो मुझे बताना। हम लोग शिवी की शादी का पूरा जिम्मा उठाएंगे, आप चिंता ना करे।

मैंने शादी की शॉपिंग से लेकर सभी कामों में हाथ बंटाना शुरू कर दिया था। और हर मौका मिलने पर शिवी की जम कर चुदाई करता था। हमने उन दिनों में इतनी चुदम-चुदाई करी, जितनी कॉलेज के ज़माने में भी नहीं करी थी। शादी की रस्में चालू हो चुकी थी। हम सब लौंडे अपने-अपने लंड लिए तयार थे।

शिवी की हल्दी में हमने उसकी चूचियों को दबा-दबा कर हल्दी लगाई। नहाने जाने के पहले हम सब ने फोटो क्लिक करने के बहाने शिवी को एक साइड किया, और घेरा बना कर सब ने अपना लंड हिला कर शिवी को स्पर्म में लथ-पथ कर दिया।

उसके बाद शिवी ने सबका स्पर्म अच्छे से मसल कर पूरे शरीर पर लगा लिया, और नहाने चली गई। इसके बाद जो शिवी की स्किन पर ग्लो आया था, वो तो अलग ही था।

संगीत के दिन भी हमने खूब नाचा और लड़की वालो को नाक नीचे नहीं होने दी, बस नीचे हुई थी शिवी की मुंडी सबका लंड चूसने के लिए। संगीत में हमने हमारे होने वाले जीजू की बहन के साथ भी बहुत नाचा। वो बहुत ही सुंदर थी, और अभी भी कॉलेज में थी। हम सब एक ही जगह पर रुके थे। मेरी जीजू के बहन रिचा से भी अच्छी बनने लगी थी।

फिर संगीत की रात को चुपके से हम शिवी को उसके कमरे से लेकर आ गए और घमासान चुदाई का आरंभ कर दिया। शिवी सब ही लड़को का लंड चूस जा रही थी। ये सब काम मेरे कमरे पर चल रहा था। करीबन 10-15 लंड के बीच में हमारी प्यारी शिवी नंगी पड़ी थी और आगे-पीछे सब जगह से लंड लिए जा रही थी। शिवी को चोदने की जल्दी में मेरा ध्यान ही नहीं रहा और मैं गेट लॉक करना भूल गया था।

पता नहीं केसे रिचा मुझसे मिलने मेरे कमरे पर आ गई, और दरवाजा खुला देख वो अंदर चली आई। अंदर आते ही रिचा की चीख निकल गई।

रिचा: भाभी ये क्या कर रही हो?

मैंने झट से जाकर गेट बंद करा। रिचा बाहर जाने की कोशिश करने लगी।

रिचा: मैं भैय्या को बता दूंगी। ये गलत है।

मैंने रिचा का हाथ पकड़ा और कहा: ऐसा नहीं है जैसा तुम समझ रही हो।

रिचा: फिर कैसा है। मेरी होने वाली भाभी इतने लड़को के सामने नंगी पड़ी है, लंड चूस रही है।

राजू: तुम रुको, इतनी सी बात में शादी मत तोड़ो। शिवी बहुत अच्छी लड़की है। हम तो बस उसकी मदद कर रहे थे। उसे सुहागरात से डर लग रहा था।

रिचा: तो क्या प्रैक्टिस चल रही है क्या? मुझे ये बदचलन लड़की से मेरे भाई को शादी नहीं करवानी है।

राजू: प्लीज मान जाओ। हम कुछ भी करेंगे, तुम बस ये बात किसी को मत बताओ।

हम सब ही लड़के रिचा से माफी मांगने लगे। रिचा बस हमारे सख्त खड़े लंड की तरफ ही देख रही थी।

मैंने एक-दम से कहा: चाहो तो तुम भी हमारे लंड चूस लो।

रिचा: ये क्या कह रहे हो?

राजू: मुझे तो लग रहा है कि तुम्हे भी एक अच्छी चुदाई चाहिए।

रिचा: ऐसा कुछ नहीं है।

राजू: अच्छा ऐसा नहीं है तो अभी तक यहां क्यूं बैठी हो। भैय्या को बताने क्यूं नहीं गई?

रिचा: वो तो मैं, वो तो मैं।

इतने में मैंने अपना लंड लिया और रिचा के होंठों पर लगा दिया। धीरे से रिचा ने अपना मुंह खोला और मैंने अपना लंड अंदर डाल दिया। इसके बाद सब ने थोड़ी राहत की सांस ली, और वापस से शिवी की चुदाई शुरू कर दी।

मैंने पूरी रात रिचा का खयाल रखा, और उसकी जम कर चुदाई करी। और बाकी सब लौंडे शिवी को चोदते रहे। शिवी और रिचा दोनो एक साथ नंगी होकर चुद रही थी।

रिचा: भाभी आप इतने सारे लंड केसे ले रही हो? मुझसे तो एक भी मुश्किल से लिया जा रहा था।

शिवी: धीरे-धीरे आदत पड़ जायेगी। अब तो राजू तुम्हारा बहुत अच्छा खयाल रखेगा।

पूरी रात जम कर चुदाई करने के बाद हमने रिचा और शिवी को उनके उनके कमरे में भेज दिया। अगले दिन सब एक-दम नॉर्मल था। रिचा ने अपने घर वालों को कुछ भी नहीं बताया था। हमारा माफी मांगना सफल रहा। अगले दिन शादी की रस्में चल रही थी, और मैं रिचा के साथ अपने कमरे में जम कर चुदाई कर रहा था।

आखिरकार शादी संपन्न हो गई और हमारी शिवी पराई हो गई। इसके बाद हमने जीजू को अपने साथ बिठाया और खूब दारू पिलाई। इतनी पिलायी कि वो अपने कमरे में जाते ही बेहोश हो गए।

शिवी ने मुझे कॉल करके कहा: ये कितनी पिला दी है तुम लोग ने, राहुल तो आते ही सो गया। उठ ही नहीं रहा है।

मैंने कहा: मैं आकर देखता हूं, तू चिंता मत कर।

फिर मैं उनके कमरे में गया और देखा जीजू तो घोड़े बेच कर सो चुके थे।

मैंने बोला: अब ये सुबह से पहले नहीं उठेगा। लगता है सुहागरात भी मुझे ही माननी पड़ेगी।

मैंने शिवी को बिस्तर पर पटक कर उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिए।

शिवी: पागल है क्या, हम पकड़े जाएंगे।

वो बोल ही रही थी इतने में मैंने लौंडो को कॉल कर दी और कहा आ जाओ सुहागरात माननी है। सब ही तुरंत अपना लंड लेकर हाजिर हो गए। उसके बाद शिवी को उसके पति के सामने ही चोदना चालू हो गए। बेचारे जीजू तो बेहोश पड़े थे और यहां हम सब मिल कर शिवी के होश उड़ा रहे थे।

सब ने ही बारी-बारी से शिवी को खूब चोदा। फिर साथ मिल कर चोदा। शिवी की गांड में एक लंड, शिवी की चूत में दो लंड, और शिवी के मुंह में भी दो लंड फसे हुए थे। सब ही लौंडे अपनी जगह बदल-बदल कर शिवी को चोद रहे थे। उसे भी काफी मजा आ रहा था।

इसके बाद जब हमारा पानी छूटने वाला था, तो मैंने शिवी को लिया और जम कर घोड़ी बना कर चोदने लगा। फिर अपना सारा स्पर्म उसके अंदर ही झाड़ दिया। आखरी बूंद तक उसकी चूत में निकली। फिर बारी-बारी से सब ने शिवी को अलग-अलग पोजिशन में लेकर अपना स्पर्म उसकी चूत में झाड़ दिया।

सबका स्पर्म निकलने के बाद हमने शिवी को उसके सुहागरात के बिस्तर पर पटका और अपने कमरे चले गए। अगले दिन शिवी अपने ससुराल चले गई और हम सब बहुत ही दुखी हुए। मैंने रिचा से कहा कि हमारी शिवी का ध्यान रखना, और अपनी भाभी को परेशान मत करना।

इसके बाद रिचा और मैं मिलने लगे थे। मैं उसे कॉलेज बंक करा कर चोदने ले जाता था। शादी को कुछ ही हफ्ते हुए थे और रिचा ने बताया कि शिवी भाभी पेट से थी।

हमारी शिवी के अंदर हम में से किसी का अंश था। पर उसके जैसी रंडी को ये भी नहीं पता था कि वो किसके बच्चे की मां बनने वाली थी।

तो इस तरह हमने हमारी प्यारी शिवी की शादी में अपना सहयोग दिया।