मेरा नाम राजू है। मैं कॉलेज में काफी दुबला-पतला हुआ करता था, और किसी अमीर फैमिली से भी नई था। इसी कारण मुझे लड़कियों ने कभी भाव नहीं दिया, और मैं हमेशा फ्रेंड-जोन में ही रह गया।
पर मैं अपनी फील्ड में काफी अच्छा था, और जॉब में काम करते-करते काफी अच्छी सैलरी हो चुकी थी। 26-27 तक का होते होते मैं फिट भी हो गया था। अब मेरे पास वो सब था, जिसकी वजह से लड़कियों ने मुझे रिजेक्ट करा था एक टाइम पर।
इसके बाद मेरी लाइफ में कई फिजिक्स रिलेशनशिप्स रही। पर आज की कहानी है कि कैसे मैंने अपनी शादी-शुदा बेस्ट फ्रेंड को अपनी रखैल बनाया। उसका नाम रितिका था, और मैं उसे कॉलेज के जमाने से जानता था। उसकी हाइट 5’2″ की थी और बहुत ही सुंदर लगती थी।
कॉलेज टाइम पर मुझे उससे बहुत प्यार था, पर मैं तो बस बेस्ट फ्रेंड ही रह गया। कॉलेज के कुछ टाइम बाद उसकी शादी हो गई, पर शादी के 2 साल बाद तक उसकी इतनी बन नहीं रही थी उसके पति से। वो ये सब बातें मुझसे शेयर करती थी, मैं जो ठहरा बेस्ट फ्रेंड।
इसके बाद मेरी लाइफ में कई फिजिक्स रिलेशनशिप्स रही। पर आज की कहानी है कि कैसे मैंने अपनी शादी-शुदा बेस्ट फ्रेंड को अपनी रखैल बनाया। उसका नाम रितिका था, और मैं उसे कॉलेज के जमाने से जानता था। उसकी हाइट 5’2″ की थी और बहुत ही सुंदर लगती थी।
कॉलेज टाइम पर मुझे उससे बहुत प्यार था, पर मैं तो बस बेस्ट फ्रेंड ही रह गया। कॉलेज के कुछ टाइम बाद उसकी शादी हो गई, पर शादी के 2 साल बाद तक उसकी इतनी बन नहीं रही थी उसके पति से। वो ये सब बातें मुझसे शेयर करती थी, मैं जो ठहरा बेस्ट फ्रेंड।
मैं भी उसे और जलाने के लिए अपनी बढ़ती सैलरी बताता रहता था, जो कि अभी 5 लाख महीना हो चुकी थी। और साथ ही साथ जिम जा कर मैंने बॉडी भी बना ली थी। उसने मुझे एक बार बताया कि अब वो लोग सेक्स भी नहीं करते थे। मैंने इसी सब बात का फायदा उठाया, और उससे मिलना बढ़ा दिया।
मैंने उसे भी जिम ज्वाइन करवा दिया, और अब हम दोनों साथ में जिम जाया करते थे। उसका पति तो सेल्स की जॉब में था, और सुबह से शाम व्यस्त रहता था।
जिम में वो सेक्सी टाइट ड्रेस पहनती थी, और हमारी दोस्ती ऐसी थी कि हम थोड़ा बहुत फ्लर्ट कर लेते थे। मैं उसे जिम में कई बार किसी ना किसी बहाने से छू लेता था। कमर पर हाथ रखना तो काफी नॉर्मल था। और उसके फिगर की तारीफ भी करते रहता था।
उसके घर में अंडा अलाउड नई था तो हमने जिम के बाद मेरे घर आकर अंडा खाना शुरू कर दिया था। जब तक अंडे बनते मैं नहा कर ऑफिस के लिए तयार हो जाया करता था। मैं जान कर उसके सामने टॉवल में आया करता था।
क्योंकि उसने नया-नया जिम ज्वाइन करा था, तो उसे काफी दर्द भी होता था। अभी हमें 2 ही हफ्ते हुए थे।
मैं उसे घर आकर और स्ट्रेचिंग भी कराता था, जिसमे मेरा लंड कई बार उससे टच होता था, पर वो भी कभी कुछ नई बोली। शायद उसे भी मेरा मोटा कड़क लंड फील करने में मजा आता था। लेग्स डे के बाद उसे पैर में काफी दर्द हो रहा था, तो मैंने कहा कि-
मैं: मैं तेल की मालिश कर देता हूं, तो सही हो जायेगा।
उसने कहा: मैंने तो टाइट्स पहने है।
तो मैंने भी मजाक में बोल दिया: तो क्या हुआ, उतार दे। स्विमिंग पूल पर भी बिकिनी तो पहनी ही है ना।
तो वो बोली: हट, तेरे सामने थोड़ी उतारूंगी।
फिर मैंने कहा: अच्छा अंदर जाकर मेरा शॉर्ट्स डाल ले।
जो वो मान गई। फिर वो चेंज कर के आई और मैं उसके पैरों में मालिश करने लगा। मैंने उसे उल्टा लेटने के लिए कहा और धीरे-धीरे पैर के तलवे से मालिश करता हुआ उपर बढ़ता गया। उसकी जांघो पर मालिश करते हुए उसकी मुलायम सी गांड तक हाथ घुमाने लगा।
वो थोड़ा असहज हो रही थी।
फिर मैंने कहा: मैं कमर पर भी कर देता हूं।
ये बोल कर मैंने उसका टॉप उपर कर दिया। वो मना करने लगी तो मैंने कहा-
मैं: अरे तो इसमें क्या हुआ? तू आराम से लेट।
मालिश करते-करते मैं उसका टॉप उपर करते गया, और उसकी ब्रा भी खोल दी। इस बार वो थोड़ा हिचकिचाई पर मैं मालिश करता रहा। मैं उसके उपर बैठ कर मालिश कर रहा था। मेरा लंड उसकी गांड को छू रहा था।
फिर उसने कहा: बस अब ठीक लग रहा है।
अब तो मेरा लंड कड़क हो चुका था, जो कि मेरे छोटे से शॉर्ट में से झूलता हुआ दिख रहा था। उसने भी मेरा खड़ा हुआ लोड़ा देख लिया था।
फिर मैंने कहा: मैं नहाने जाता हूं।
मैं जान कर के अपना टॉवल कमरे में ही छोड़ गया, और शावर में जाकर अपना लंड हिलाने लग गया। फिर मैंने उसे आवाज दी कि मेरा टॉवल लाकर देदे।
वो कमरे में जैसे ही आई, मैं बाथरूम से पूरा नंगा बाहर आ गया। वो मुझे देखती ही रह गई थोड़ी देर।
मैंने एक-दम से कहा: मुझे लगा तूने नहीं सुना तो मैं खुद ही बाहर आ गया।
ये बोलते हुए मैं उसके पास गया, और उसके हाथ से तोलिया लेकर पोंछने लगा, जैसे की कोई बात ही नहीं हुई हो। वो कमरे से बाहर भाग गई। मैं भी अब उसे चोदे बिना छोड़ने कहा वाला था। बेशर्म की तरह मैं तोलिए से अपना लंड रगड़ता हुआ बाहर आया, और कहा-
मैं: क्या हो गया, ऐसे क्या बिहेव कर रही है जैसे कभी लंड ना देखा हो?
वो बोलने लगी: तू पागल है।
मैं उसकी तरफ बढ़ा, उसकी कमर पकड़ कर अपनी तरफ खींचा, और बोला: तेरे लिए तो मैं कॉलेज टाइम से पागल हूं।
और मैंने उसके होंठो पर किस कर दी। एक हाथ से उसका सिर और एक हाथ से गांड पकड़ कर उसे मैं चूमे जा रहा था। वो अपने जिम के टाइट कपड़ो में थी, और मैं पूरा नंगा। मेरी हवस की कोई सीमा नहीं थी। मैं बहुत ही एग्रेसिवली उसे किस कर रहा था।
उसके होंठो के बाद मैं उसके गले और कंधे पर किस कर रहा था।
वो बोलने लगी: ये गलत है, मैं शादी-शुदा हूं।
पर उसकी सिसकियां निकल रही थी, और वो ये बोलते हुए भी मुझे दूर नहीं धकेल रही थी। मैंने किस करते-करते उसका टॉप उतार दिया, और उसके बूब्स को चूसने लगा। अब वो पूरी तरह से मेरे काबू में थी। मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर उसे नीचे किया, और वो अपने घुटनों पर आ गई।
उसके मुंह के सामने मेरा लंबा सा लंड था, जिसे मैंने उसके मंह में डाल दिया। एक हाथ उसके सिर पर रख कर मैं उसके सुंदर से चेहरे को चोदने लगा। मैं इसे इतने सालों से चोदना चाहता था। जाने कितने सपने देख रखे थे। और अब ये रितिका जिसने कभी मुझे भाव नई दिया था, आज मेरा लंड चाट रही थी।
खूब देर तक उसके मुंह को चोदने के बाद मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर ले जा कर पटक दिया, और उसका लोअर भी उतार दिया। उसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला, और काफी जोरों से उसकी चुदाई शुरू कर दी।
मैं आज रुकने वाला नहीं था। इस पल का इंतजार मुझे कई सालों से था। मैंने उसे पहले आगे से फिर पलटा कर डॉगी स्टाइल में चोदा। वो बस अपने हाथ से चादर को कस कर पकड़ कर अपनी चीखे रोकने की कोशिश कर रही थी। और मैं उसकी चूत को पेले जा रहा था।
काफी देर की ठुकाई के बाद मैंने अपना लंड फिर से उसके मुंह में डाल दिया। उसे लिटा कर में उसके मुंह को चोद रहा था। बीच-बीच में पूरा अंदर डाल कर उसे चोक भी कर रहा था। वो अपनी पीठ के बल लेटी थी, और मेरा लंड अपने मुंह से बाहर नहीं निकाल सकती थी।
मैं उसे आई लव यू रितिका बोलते हुए चोदते गया। मेरा छूटने ही वाला था, और मैं अपना लंड तेजी से उसके मुंह में अंदर-बाहर करने लगा। फिर पूरा अंदर डाल कर रुक गया, और सीधे उसके गले में 2 शॉट मारे। इतने में उसने मुझे धक्का दिया, और मेरा बाकी का पानी उसके सुंदर से चेहरे पर निकल गया।
वो पूरा पसीना-पसीना हो चुकी थी। उसकी सांसें अभी भी तेज चल रही थी। उसकी बोलती पूरी तरह से बंद थी। शायद ऐसी चुदाई नई हुई थी उसकी कभी। इसके बाद मैं उसे उठा कर नहाने ले गया। फिर हम साथ नहा कर तयार हुए, और मैंने ऑफिस जाते हुए उसे उसके घर छोड़ दिया हमेशा की तरह।
पर ये तो सिर्फ शुरुआत थी। इसके बाद ये सिलसिला चलता रहा। कभी उसके मुंह में तो कभी उसकी चूत में मैं अपना स्पर्म निकालता था। वो भी चुद-चुद कर रांड बन चुकी थी। लंड चूसे बिना उससे रहा नहीं जाता था। मेरे मुट्ठ की एक बूंद भी वो वेस्ट नहीं होने देती थी। सब कुछ चाट-चाट कर साफ कर देती थी।
रोज चुदाई कर-कर के उसकी गांड और बोबे काफी बड़े भी होते जा रहे थे। और सब को लगता था कि जिम का कमाल है। मेरी बेस्ट फ्रेंड मेरी रांड बन चुकी है, एक लंड की प्यासी रंडी रितिका।