मुझे ममेरी बहन का प्यार शादी से पहले मिला-2

पिछला भाग पढ़े:- मुझे ममेरी बहन का प्यार शादी से पहले मिला-1

मेरी हिंदी सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कैसे मेरे मामा की बेटी रोशनी के साथ मेरी बातें शुरू हुई, और कैसे हमारी दोस्ती हुई। फिर मेरी शादी के फंक्शंस पर वो हमारे घर आई। उसको देख कर मेरी वासना की भड़क गई। फिर जब मैंने उसको गले लगाया, तो उसका सेक्सी जिस्म महसूस हुआ। अब आगे-

अगले दिन हम दोनों दिन में मिले, काफी बातें की, कुछ पहले की, कुछ अब की। बाद में शाम को रोशनी का मैसेज आया।

रोशनी: कहा है?

मैं: बस यहीं हूं। क्या हुआ?

रोशनी: एक बात पूछनी थी। कोई पास में है क्या?

मैं: हां, पास में तो है, पर मैसेज कोई नहीं पढ़ रहा मेरे अलावा। पूछो, क्या बात हुई?

रोशनी: आज भीड़ में तुझसे बातें तो हुई, पर मुझे अकेले में भी बातें करनी हैं। तेरा घर है, तो बता, कोई ऐसी जगह है क्या जहां हम अकेले बात कर सकें और कोई ना आए?

मैं: हां, लेकिन रात में मिल सकता है ऐसा मौका। दिन में तो सब इधर-उधर घूमते रहते हैं।

रोशनी: चलेगा, ओके अभी तू घुमाई कर, मिलते हैं आज।

मैंने भी हां बोल दिया। अब मन ही मन इतना खुश हो रहा था कि आज इतनी सुंदर बहन से अकेले में बातें करूंगा। हालांकि मैंने हमारे बीच कुछ गलत सोचा नहीं था। पर अकेले मिलने की बात पर कुछ ऐसा भी दिमाग में आने लगा। पर मैंने इसे नजरअंदाज कर दिया।

हमारे घर में गायें और भैंसे बांधने की जगह घर के पीछे थी। जो अभी शादी पर खाली थी, क्योंकि सभी जानवर परिवार में ताऊजी के घर पर बांध दिए थे। तो घर के पीछे एक बड़ा कमरा था, जो खाली था, और साफ किया हुआ था। शादी के लिए घर में काफी जगह थी। तो यहां पर कोई नहीं आता था घर के पीछे रात को। दिन में तो यहां मिठाइयां बनती थीं। तो मुझे यहीं जगह सही लगी।

अब रोजाना की तरह सब ने खाना खाया, गीत गाया, और नाचने के बाद सब सो गए। मैंने नाचने के समय रोशनी को बोल दिया था, थोड़ी देर बाद मैसेज करूंगा, सोना मत। उसने भी हां बोल दिया।

मैं: हेलो, जाग रही हो क्या दीदी?

रोशनी: हां, तेरे ही मैसेज का इंतजार था हैंडसम।

मैं: अभी 5-10 मिनट बाद घर के पीछे वाले कमरे में मिलेंगे, दीदी। आपको कोई दिक्कत तो नहीं है ना?

रोशनी: किसी के आने का डर ना हो तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। हम इतने अच्छे दोस्त हैं और अब तक अकेले में बात नहीं की। मुझे ये कमी पूरी करनी है, और कल जो बाकी रहा, वह भी पूरा करना था।

मैं: कल क्या बाकी रह गया था, दीदी?

रोशनी: छोड़, अभी ये सब। तू ये बता, तुझे कैसी लगती हूं मैं?

मैं: कैसे बताऊं, दीदी? आप यूं मानो मेरी पसंदीदा और सबसे खास हो। मेरी नजर से देखो तो विश्व सुंदरी हो।

रोशनी: बस कर यार, पसंद तो मुझे तू है, वो भी बहुत ज्यादा।

मैं: और आज मेरी पसंद मेरे सामने और आपकी पसंद आपके सामने होगी फिर तो थोड़ी देर बाद।

रोशनी: और मैं अगर मेरी पसंद को चूमना चाहूं तो?

ये मैसेज देख कर मैं अचानक से यूं मानो सपने की दुनिया में चला गया। क्योंकि इतनी सुंदर दीदी को चूमने की बात से ही मेरे अंदर की सभी भावनाएं जागृत हो गई थीं।

मैं: तो फिर मानो मेरा सपना पूरा हो जाएगा, दीदी।

रोशनी: अगर ऐसा है तो पहले क्यों नहीं बताया? और तुझे पता है ना मैं गाल चूमने की बात नहीं कर रही, होंठ चूमने को बोल रही हूं।

मैं: हां, मन मेरा पहले भी था। सच बताऊं तो अभी भी है। पर मैंने हमारे रिश्ते के बारे में सोच कर ऐसा कभी ज्यादा सोचा नहीं, और ना ही कुछ बोला।

रोशनी: हां, लेकिन अभी हम अच्छे दोस्त हैं और दोस्ती में सब कुछ जायज है।

मैं: सही कहा, मेरा तो अभी मन कर रहा है आपके मुलायम और गुलाबी होठों को चखने का। माफ करना दीदी, ज्यादा बोल गया शायद।

रोशनी: ना यार, मेरे मन की बातें बोल रहा है। अभी देरी क्यों कर रहे हैं हम?

मैं: हां, मैं आ रहा हूं। कमरे में पहुंच कर आपको मैसेज कर दूंगा।

रोशनी: ओके।

मैं तुरंत घर के पीछे कमरे में चला गया। वहां कोई नहीं था। सभी नाचने के बाद थक कर सो गए थे। मैंने वहां जाकर रोशनी को भी आने के लिए बोल दिया, जो छत पर बहनों के साथ थी। दीदी भी बोलने के 2 मिनट बाद घर के पीछे कमरे में आ गई, जहां मैं पहले से था।

दीदी कहर ढा रही थी। दीदी ने आज हरे रंग की राजपूती ड्रेस पहन रखी थी, जिसमें दीदी का गुलाबी गोरा यौवन साफ नज़र आ रहा था। ऊपर दीदी के थोड़े मम्मे भी दिखाई पड़ रहे थे। मैं और दीदी अगले 2 मिनट तक कुछ बोले बिना एक-दूसरे को देख रहे थे।

तभी मैंने कहा: जगह सही है क्या?

दीदी ने भी हामी भरी और मुस्कुरा दी, और कहा: कमी पूरी नहीं करोगे क्या? या दूर खड़े ही घूरोगे यूं?

मैं शर्माने लगा और दीदी की ओर 2 कदम चल दिया। अब मैं और दीदी करीब थे, और दोनों एक-दूसरे को हवस से देख रहे थे। हालांकि मुझे बस चुम्बन की तलब थी, और सोच रहा था, मौका मिलेगा तो बूब्स जरूर स्पर्श करूंगा। इतने में दीदी ने आँखें बंद की, और अपने बाल गर्दन से हटाते हुए एक तरफ कर दिए और मुंह मेरे मुंह की ओर कर दिया। हम दोनों कुछ बोल नहीं रहे थे, पर आग दोनों तरफ लगी थी। जरूरत थी बस पहल करके आग भड़काने की।

इसी के साथ मुझे होठों पर चुम्मी लेने का न्योता मिल चुका था। मैंने भी समय गंवाए बिना अपने होंठ दीदी के होठों पर रख दिए और हमने एक-दूसरे के होठों को चूसना शुरू कर दिया था। हमारी सांसें तेज हो रही थीं। शांत माहौल में हम बस एक-दूसरे के होठों का स्पर्श महसूस कर रहे थे।

इतने में दीदी ने मुझे कमर से पकड़ लिया और अपने मम्मे मेरी छाती से आ टकराए। मेरे दिल की धड़कनें बढ़ गईं, सांसें तेज हो गईं, और नीचे चड्डी में लंड जोश में आने लग गया था। मैंने भी अपने हाथों को आगे बढ़ाया, और रोशनी की पीठ पर रख दिए और रोशनी को थोड़ा और कश लिया। अब रोशनी और मैंने लगातार 5 मिनट तक होठों का चुम्बन किया। उसके बाद रोशनी ने बिना कुछ बोले मेरा हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर रख कर छोड़ दिया और चुम्बन की गति बढ़ा दी। मुझे मानो स्वर्ग मिल गया हो। मैं अब बिना सोचे जोर-जोर से दीदी के मम्मे दबाए जा रहा था, और दीदी के होठों को चूस रहा था।

मैं अब धीरे-धीरे एक हाथ दीदी की गांड पर ले गया और दबाने लगा। रोशनी ने कोई विरोध नहीं दिखाया, क्योंकि अब आग दोनों तरफ लगी हुई थी। इतने में रोशनी ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर मेरा लंड पेंट के ऊपर से पकड़ लिया, और दबाने लगी। इतना होते ही मैं ना चाहते हुए भी पीछे हटा, अपने आप को संभाला और बोला-

मैं: दीदी, क्या ये सही रहेगा हमारे बीच?

रोशनी: मुझे तुम बहुत पहले से पसंद हो आर्य, और मैं तुम्हें मेरा भाई कम, दोस्त ज्यादा मानती हूं। तो मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगता। अगर तुम नहीं चाहते, तो मुझे माफ करना।

मैं: अरे नहीं, दीदी! आप तो दुखी हो रही हैं। मेरा ये मतलब नहीं था। ये सब मैं भी चाहता हूं, लेकिन मैंने सोचा आपको पहले पूछ लूं।

दीदी मुस्कुरा दी और हम दोनों मुस्कुरा कर फिर से पास आए। फिर वैसे ही शुरू हो गए जैसे रुके थे। अभी दीदी ने अब हाथ मेरी पेंट और चड्डी के अंदर डाल लिया था।मेरा लंड एक-दम खड़ा हुआ था, जो दीदी के हाथ में था। कड़क, लंबा, गर्म और मोटा लंड रोशनी हाथ में लेकर आगे-पीछे कर रही थी।

मैंने भी देरी ना करते हुए अपना हाथ रोशनी के घाघरे से सीधा चड्डी में डाल दिया। हाय, क्या एक-दम साफ चूत थी, गर्म और गीली। मैंने चूत को सहलाना शुरू कर दिया। रोशनी और मैं हवस में डूब चुके थे। रोशनी ने जैसे ही होठों को दूर किया, बोली-

रोशनी: तेरा तो बहुत लंबा और मोटा है रे। तेरे जीजू का छोटा सा है। आज तो मुझे काफी दर्द होने वाला है।

मैं मुस्कुराया और बोला: नीचे बाद में लेना, पहले ऊपर वाले मुंह से तो चूस मेरी जान।

रोशनी: तुम नहीं चखोगे क्या मेरी चूत का रस?

मैंने भी हामी भरी और हमने एक-दूसरे के कपड़े उतरने शुरू कर दिए। कमरा काफी गर्म था, तो सर्दी नहीं लग रही थी। हम दोनों अब एक-दम नंगे थे। थोड़ी देर हम ऐसे ही गले लगे। बाद में पास में शादी में लाए हुए काफी बिछौने पड़े थे, मैं उन पर सीधा लेटा, और उसे 69 की स्थिति में आने के लिए बोला। वो अब गर्म चिकनी चूत मेरे जैसे ही मुंह के पास लाई, उसकी चूत की खुशबू से मेरा मन और ज्यादा उत्तेजित हो गया।

फिर मैंने उसे पीछे से पकड़ कर जीभ को चूत में दे दिया। इतना करते ही रोशनी के मुंह से आह निकल गई और उसने बिना समय गंवाए लंड को पकड़ा, महसूस किया, और मुंह में भर लिया। कमरे में धीरे-धीरे मादक आवाजें आ रही थी। वो अपनी चूत का पूरा दबाव मेरे मुंह पर बना रही थी। मेरी जीभ उसकी चूत को अंदर तक महसूस कर रही थी, और चूत रस का स्वाद ले रही थी।

हम दोनों ने ऐसे ही अगली कुछ देर मजा लिया। उसके बाद रोशनी पीछे मुड़ी और बोली: भाई, अब मत तड़पाओ मुझे, और मेरी तड़प को मीठे दर्द में बदल दो।

मैंने हामी भरी और उसकी चूत पर जीभ फिरा कर उसे नीचे लिटा दिया। फिर मैं उसकी टांगों में आ बैठा। मैंने लंड का टोपा चूत पर रखा। फिर रोशनी को होंठों से चुम्बन किया और बोला-

मैं: अपने हाथ और टांगों को मेरी कमर पर लो और मुझे पकड़ लो।

उसने ऐसा ही किया। फिर अगले ही पल मैंने एक झटका मारा और मेरा गर्म लंड दीदी की चिकनी चूत में आधा उतर चुका था। दीदी के मुंह से आह निकली। इतने में मैंने अपने होठों से उसका मुंह बंद कर दिया, और झटके जोर-जोर से मारने लगा। दीदी थोड़ी देर तक दर्द महसूस कर रही थी। बाद में वो भी मेरा साथ देने लगी, और मुझे कमर पकड़ कर जोर-जोर से खींचने लगी। मैंने भी रफ्तार बढ़ा दी। दोनों यौवन सुख का आनंद ले रहे थे।

हमारी इस लंबी चुदाई के बीच दीदी एक बार झड़ चुकी थी। और ऐसी सर्दी में भी हमें पसीना आने लगा था। फिर एक लंबी और मजेदार चुदाई के बाद मेरा निकलने वाला था। ये मैंने दीदी से बताया तो दीदी ने कहा-

रोशनी: बेकार नहीं जाने दूंगी, इसे पी लूंगी।

मैं खड़ा हुआ और दीदी बैठी। थोड़ी देर लंड चूसने के बाद माल बाहर आया, जिसका इंतजार रोशनी बेसब्री से कर रही थी। उसने पूरा माल पी लिया और लंड चाट कर साफ कर दिया। अब हम दोनों ऐसे ही लेट गए बिना कपड़ों के, और उस रात हमने 2 बार मस्त चुदाई की। रोशनी इससे काफी खुश हुई और हमारी दोस्ती ने नया मोड़ लिया। मैं आज भी उस चुदाई को याद करके गर्म हो जाता हूं।

मेरी ये कहानी पढ़ने के लिए आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद। दोस्तों, कोई गलती हुई हो तो माफ करना। और हमें ये चुदाई करते हुए किसी ने देख लिया था, जो रोशनी की छोटी बहन थी। और हमारी आगे क्या बात हुई, ये आपको अगली कहानी में बताऊंगा। धन्यवाद दोस्तों।

आपका कोई सवाल या मेरी कोई गलती हो तो मुझे ईमेल करके जरूर बताइएगा aarysoni007@gmail.com