शीला की जवानी-10

उस दिन जब मैंने शीला को चुदाई के लिए होटल चलने के लिए बोला, तो शीला ने बिना किसी हिचकिचाहट के जवाब दिया, “जीत भैया एक बात बोलूं, मुझे आपके साथ होटल जाने में कोइ दिक्क्त नहीं। जब चाहो ले चलो। मगर जैसा मजा चुदाई का उस दिन यहां घर में आया था, वैसा मजा होटल में नहीं आता। जब भी मैं किसी के साथ होटल जाती हूं, वहां जिस तरीके से होटल वाले मुझे घूरते हैं, ऐसा लगता है सालों को मेरी चूत दिखाई दे रही हो।”

फिर कुछ रुक कर शीला बोली, “पर जीत भैया होटल में जाना ही क्यों हैं। भाभी तो बता रही थी इस बार अमित भैया का प्रोग्राम शायद दो हफ्ते से ज्यादा का बनेगा। किसी दूसरे देश में जायेंगे, कोइ ट्रेनिंग देगें फैक्ट्री वाले। आज कल में पक्का होने वाला है।”

और मेरे लंड को हाथ लगा कर शीला बोली, “फिर इस पप्पू के मजे ही मजे होंगे, जितना मर्जी चुदाईयां करे ये। दिन भी इस पप्पू का होगा, रात भी इस पप्पू की होगी।”

यह कह कर शीला फिस्स्स करके हंस दी। फिर बोली, “जीत भैया आप एक बात तो बताओ, आप चम्पा को क्यों नहीं चोदते? बढ़िया चुदाई करवाएगी ये I गोल-मटोल सी चम्पा को चोदने का बड़ा मजा आएगा आपको।”