शीला की जवानी-9

कंडोम की खासियतें देख कर ज्योति चुदाई के लिए बेचैन थी।

मैंने लंड ज्योति को चूत के छेद पर रखा, और फचाक के अंदर डाल दिया। लंड पर चढ़े कंडोम ने अपना जलवा दिखाया, और ज्योति के मुंह से एक मस्ती भरी सिसकारी निकली “आह जीते, क्या लंड है तेरा।”

मैंने ज्योति को पीछे से बाहें डाल कर अपने सीने के साथ चिपका लिया, और चुदाई चालू कर दी।

पंद्रह मिनट की चुदाई हुई होगी, कि ज्योति मेरे कान में फुसफुसाई ,”जीते कंडोम निकाल ले, मेरी चूत तो जाने वाली है।”

Leave a Comment