शीला की जवानी-3

जिस तरह मकान मालकिन ज्योति ने केक खाते हुए मेरी उंगली चूसी थी ये तो लग ही गया था कि ज्योति मुझसे चुदाई करवाना चाहती थी। मैंने पेण्ट कि ऊपर से लंड पकड़ कर ज्योति को मैंने साफ़ ही कह दिया, “भरजाई कुछ मांग रहा है “।

ज्योति ने मेरे लंड की तरफ देख कर कहा ,” तू नीचे जा जीते। मैं तुझे मिस काल मारूंगी I तू पीछे की सीढ़ियों से आ जा” और मेरे लंड की तरफ इशारा करके बोली, “इसका इलाज करती हूं मैं आज”।

अब मुझे ज्योति की मिस काल आ इंतज़ार था। चालीस मिनट के मुश्किल इंतज़ार के बाद मोबाइल की घंटी बजी और बंद हो गयी।

देखा तो ज्योति की मिस्ड कॉल थी। लंड को एक झटका लगा और लंड एकदम पूरा खड़ा हो गया।

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