नमस्कार दोस्तों, मैं Thor नई हिंदी चुदाई कहानी लेके आया हूं। मेरी पहले की सेक्स कहानियों को पसंद करने के लिए आपका आभारी हूं। बहुत से रीडर्स ने अपना बहुमूल्य फीडबैक मुझे दिया है। ये कहानी मध्य प्रदेश के देवांश ने मुझे भेजी है। इसमें उसने अपनी साली की चुदाई का किस्सा मुझे बताया है, जो मैं आपको बताने जा रहा हूं। तो चलिए शुरू करते है कहानी देवांश की जुबानी-
दोस्तों मेरा नाम देवांश है। मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूं। मेरी उमर 34 साल है, और मैं शादी-शुदा हूं। मेरी शादी को 7 साल हो चुके है, और मेरे 2 बच्चे भी है। मेरी बीवी के परिवार में उसके मम्मी-पापा, और उसकी एक छोटी बहन है। मेरी बीवी मुझसे एक साल छोटी है। जब हमारी शादी के लिए मैं उसको देखने गया था, तब मेरी साली अभी यूनिवर्सिटी में पढ़ रही थी। वो हॉस्टल में ही रहती थी, इसलिए उस दिन हमारा मेल नहीं हो पाया। लेकिन शादी पर मैंने उसको पहली बार देखा।
मेरी साली का नाम करिश्मा है, और वो मेरी बीवी से कहीं ज्यादा खूबसूरत थी। शादी के मंडप में बैठा मैं बस यहीं सोच रहा था, कि काश जिस दिन मैं अपनी बीवी को देखने गया था, तो करिश्मा घर पर होती। अगर ऐसा होता तो मैं उससे शादी कर लेता। लेकिन भाग्य को जो मंजूर होता है, वहीं होता है।
फिर मेरी शादी हो गई, और मैंने अपनी बीवी को चोद भी लिया। उसके साथ मुझे मजा आया, लेकिन मेरे दिल में कहीं ना कहीं करिश्मा घूमती रहती थी। जब भी वो हमारे घर आती थी, मैं उसके जिस्म को ही घूरता रहता था, और सोचता था कि इसके कपड़े उतारने पर ये कैसी लगेगी?
मेरी साली करिश्मा का रंग गोरा है, और ऊंचाई उसकी 5’6″ है। उसका पेट सपाट था, और मम्मे गोल-गोल खरबूजे जैसे थे। वो ज्यादातर पजामी और उसके साथ लंबे कुर्ते पहनती थी। जिसमें वो बहुत सेक्सी लगती थी। वो कभी दुपट्टा नहीं लेती, इसलिए उसके झुकने पर उसकी क्लीवेज देखने का सौभाग्य मिल जाता था।
मेरी शादी को 6 महीने हो चुके थे, और मेरी बीवी ने बताया कि करिश्मा कुछ दिन के लिए हमारे घर रहने आ रही थी। मैं ये सुन कर फूला नहीं समा रहा था। फिर वो हमारे घर आई। मैं उस दिन घर पर ही था। करिश्मा ने लाल रंग का पजामी कुर्ता पहना हुआ था, और उसमें वो बिल्कुल परी लग रही था। मैंने उसी वक्त सोच लिया था कि इसको मसल कर चोदूंगा।
2-3 दिन ऐसे ही बीत गए, और मैं बस मौके की तलाश में था। फिर एक दिन सुबह मुझे मौका मिला। मेरी पत्नी मंदिर गई हुई थी, और करिश्मा किचेन में थी। मैं उसकी सेक्सी बॉडी को देख कर खुद को कंट्रोल नहीं कर सका, और पीछे से जा कर उसको पकड़ लिया।
मेरे अचानक से ऐसा करने से वो घबरा गई, और मुझे धक्का मार दिया। फिर वो बोली-
करिश्मा: ये आप क्या कर रहे हो जीजू?
मैं: मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूं करिश्मा, तुमसे प्यार करना चाहता हूं।
करिश्मा: छी! आप ऐसा सोच भी कैसे सकते है। मैं आपको भाई मानती हूं, और आपने सोच कैसे लिया कि मैं अपनी बहन का घर तोडूंगी।
मैं: मुझे कुछ नहीं पता। मुझे तो बस इतना पता है कि मुझे तुमसे प्यार है।
ये बोल कर मैंने उसको पकड़ लिया, और उसके होंठों से अपने होंठ चिपका दिए। बड़े मीठे होंठ थे उसके। तभी वो दोबारा पीछे हुई, और उसने मुझे थप्पड़ मार दिया। उसके थप्पड़ ने मेरे होश ठिकाने लगा दिए, और मैं वहां से चला गया। बाकी जितने भी दिन वो यहां रही, मेरी उससे कोई बात नहीं हुई। फिर वो चली गई।
2 महीने बाद मेरे ससुर का फोन आया कि करिश्मा की शादी तय हो गई थी। मैं सुन कर उदास हो गया। फिर हमने उसकी शादी में हिस्सा लिया, और मेरी उसको प्यार करने की उम्मीद हमेशा के लिए खत्म हो गई।
वो कहते है ना कि दिल से किसी चीज को चाहो तो वो कैसे भी करके आपको मिलती ही है। मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। करिश्मा की शादी के 6 महीने बाद हमें पता चला कि उसके पति के साथ उसका सब ठीक से नहीं चल रहा था। उनका झगड़ा काफी बढ़ गया था, और फिर तलाक का फैसला लिया गया। अगले 6 महीने में उनका तलाक हो गया, और करिश्मा अपने घर वापस आ गई।
क्योंकि करिश्मा अपने घर आ कर सदमे में थी, तो मेरी बीवी मुझसे पूछ कर उसको हमारे घर ले आई। पहले वाली करिश्मा और अब वाली करिश्मा में बहुत फरक था। अब करिश्मा का बदन पहले से भर चुका था, और वो पहले से ज्यादा सेक्सी हो चुकी थी।
मैंने इस बार उसके साथ कुछ करने की कोई उम्मीद नहीं लगाई थी, क्योंकि पहले वाला थप्पड़ मुझे अभी भी याद था। लेकिन उसका सेक्सी बदन देख-देख कर अंदर ही अंदर मेरी प्यास बढ़ती जा रही थी। अब करिश्मा लेगिंग्स-कुर्ती पहनती थी। लेगिंग्स में उसकी जांघें बहुत सेक्सी लगती थी। जब वो झुकती थी, तो उसकी गांड और चौड़ी हो कर मेरे लंड में खलबली मचा देती थी। लेकिन मेरी हिम्मत नहीं थी, कि उसके साथ दोबारा ऐसा कुछ करने की कोशिश करूं।
फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिससे सब कुछ बदल गया। सुबह का वक्त था, और मेरी बीवी मंदिर गई हुई थी। मैं बाहर बैठा चाय पी रहा था, और करिश्मा अभी अपने रूम से बाहर नहीं आई थी। तभी उसके रूम से उसके चिल्लाने की आवाज आई। अचानक से उसकी आवाज सुन कर मैं घबरा गया, कि पता नहीं क्या हो गया।
मैं जल्दी से उठ कर उसके रूम की तरफ भाग। फिर दरवाजे पर पहुंच कर मैंने दरवाजा खटखटाया, और बोला-
मैं: करिश्मा क्या हो गया? तुम ठीक तो हो?
करिश्मा अंदर से बोली: जीजू बचाओ मुझे!
उसकी आवाज सुन कर मैंने दरवाजे को धक्का दिया, और अंदर चला गया। इसके आगे इस साली सेक्स कहानी में क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा।
दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लगी? कहानी के बारे में अपनी फीडबैक आप मुझे gulati.gulati555@gmail.com पर दे सकते है। कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
अगला भाग पढ़े:- तलाकशुदा साली चढ़ी लंड पर-2