पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि इंग्लिश वाले प्रोफेसर के नोट्स के चक्कर में मैं क्लास से निकलने में लेट हो गई। फिर जब मैं घर के लिए निकल रही थी, तो मैंने हमारे गणित के प्रोफेसर अतुल को हमारी क्लास की टॉपर समीक्षा को चोदते हुए देखा। पहले वो उसको डेस्क पर लिटा कर चोद रहे थे। फिर थोड़ी देर बाद उसको खड़ी कर लिया। अब दोनों नंगे एक-दूसरे के सामने खड़े थे। चलिए आगे बढ़ते है।
अतुल सर ने उसी वक्त समीक्षा के बाल पकड़े, और उसको खींचे हुए टीचर टेबल की तरफ ले गए। वहां जाके वो टेबल पर बैठ गए, और समीक्षा के बाल खींचते हुए उसके सर को अपने लंड तक ले आए। फिर वो बोले-
अतुल सर: चल चूस छिनाल। इसमें तुझे लंड के स्वाद के साथ तेरी खुद की हरामजादी चूत का भी स्वाद मिलेगा।
ये बोल कर वो समीक्षा के मुंह को अपने लंड की तरफ धकेलते है। समीक्षा का मुंह खुल जाता है, और वो पूरा लंड उसके मुंह में डाल देते है। उनका लंड समीक्षा की चूत के पानी से लबालब भर हुआ था, और वहीं लंड अब समीक्षा को चूसना पड़ रहा था। देखने में काफी घिनौना लग रहा था, लेकिन समीक्षा बिना कोई उफ्फ किए लंड चूस रही थी।
अतुल सर समीक्षा के बाल पकड़ कर जोर-जोर से उसके सर को आगे-पीछे कर रहे थे। समीक्षा के मुंह से काफी थूक निकल रहा था। कुछ देर ऐसा ही चलता रहा। फिर सर ने अपना लंड समीक्षा के मुंह से निकाला, और उसको हाथ में लेके समीक्षा के मुंह पर मारने लगे। गीला लंड समीक्षा के गालों पर तमाचे की तरह पड़ रहा था। इससे थप्पड़ जैसी आवाज आ रही थी। समीक्षा के गाल भी लाल हो गए थे।
कुछ देर सर ऐसे ही करते रहे। फिर वो टेबल से उतरे, और समीक्षा को बाहों में भर लिया। अब दोनों के नंगे जिस्म एक-दूसरे के साथ चिपके हुए थे। सर समीक्षा के चूचे चूसने लगे, और उसकी गांड मसलने लगे। समीक्षा आह आह करे जा रही थी। फिर उन्होंने समीक्षा के होंठ चूसने शुरू किए, और समीक्षा भी उनका पूरा साथ दे रही थी। फिर सर बोले-
अतुल सर: साली रंडी, इतनी बड़ी कुतिया है तू। हर प्रोफेसर से चुद कर अपने नंबर बढ़वाती है। इतनी बार चुदने के बाद भी तेरे अंदर बहुत रस है। साला तेरी चुदाई करके मजा बहुत आता है।
ये बोल कर सर ने समीक्षा को अपनी बाहों में घूमा लिया, और फिर उसको झुका कर हाथ सामने पड़े डेस्क पर रखवा लिए। अब समीक्षा खड़ी हुई घोड़ी बन गई थी। फिर सर ने अपना लंड हाथ में लिया, और पीछे से समीक्षा की चूत पर रगड़ते हुए अंदर डाल दिया। समीक्षा के मुंह से आह निकल गई।
फिर सर ने उसके दोनों चूतड़ों पर हाथ रखे, और तेज़ी से लंड अंदर-बाहर करने लगे। समीक्षा आह आह आह करने लगी, और सर ताबड़तोड़ उसकी चुदाई करते रहे। बीच-बीच में वो धीमे हो जाते, और एक के बाद एक पूरा जोर लगा कर लंड अंदर डालते। इससे समीक्षा की चूत की दीवार को लंड लगता, जिसके दर्द से वो ओह ओह करने लगती।
फिर सर झुक गए, और उसकी पीठ पर किस्स करने लगे। उनका लंड उसकी चूत में ही था। समीक्षा सिसकियां भरती रही। फिर अचानक से सर सीधे हुए, और उसके चूतड़ों पर कस-कस के थप्पड़ मारने लगे। इससे समीक्षा एक-दम से थर्रा गई। उसके गोरे-गोरे चूतड़ एक-दम टमाटर की तरह लाल हो गए।
फिर सर अपना हाथ समीक्षा की गांड के छेद पर ले गए, और उस पर उंगली घुमाने लगे। उंगली घुमाते हुए वो बोले-
अतुल सर: गांड मरवाए को कितना टाइम हो गया?
समीक्षा बोली: काफी टाइम हो गया है सर। आखिरी बार आपने ही मारी थी।
अतुल सर: चल फिर आज इसका दोबारा मजा लेते है।
समीक्षा: रहने दीजिए ना सर, बहुत दर्द होता है। बाद में चलने में भी मुश्किल होती है।
ये सुनते ही अतुल सर ने समीक्षा के बाल पकड़ कर खींचे, और पीछे से हाथ आगे ले जा कर एक जोर का थप्पड़ उसके मुंह पर मारा। फिर वो बोले-
अतुल सर: साली रांड, गणित में नंबर तो तुझे पूरे चाहिए। और चुदाई के टाइम पर नखरे कर रही है! जा दफा हो! नहीं करनी चुदाई, और ना ही तुझे पास करूंगा इस बार।
ये बोल कर सर ने समीक्षा की चूत से लंड बाहर निकाल लिया, और उसको धक्का दे दिया। सर की बात सुन कर समीक्षा की रोने जैसे शकल हो गई। वो सर के सामने हाथ जोड़ कर अपने घुटनों पर बैठ गई और बोली-
समीक्षा: माफ कर दो सर। आपको जो करना है करो। प्लीज मुझे फेल मत होने देना। मेरे पापा मुझे मार डालेंगे।
ये बोल कर समीक्षा उनके सामने झुक कर खड़ी हो गई, और अपनी गांड आगे कर दी। उसने अपने दोनों हाथों से अपने चूतड़ खोले, और बोली-
समीक्षा: देखिए सर, मेरी गांड आपका इंतेज़ार कर रही है। बहुत पसंद है ना आपको।
उसकी सेक्सी गांड देख कर अतुल सर खुश हो गए। उन्होंने झट से अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा, और जोर का धक्का मार कर पेल दिया। उनका आधा लंड समीक्षा की गांड में चला गया, और समीक्षा की चीख निकल गई। उसका मुंह दर्द से लाल हो गया, और उसकी आँखें बाहर आने वाले हो गई। उसने अपने मुंह पर हाथ रख लिया, ताकि कहीं उसके चीखने से सर नाराज़ ना हो जाएं, और दोबारा उसको पास करने से मना ना कर दें।
सर ताबड़तोड़ धक्के देते गए, और समीक्षा आह आह करके चुदती रही। उसकी गांड पूरी तरह फट चुकी थी, और दर्द कम हो गया था। उसकी हालत बेहोशी वाली हो चुकी थी।
फिर आखिरकार 15 मिनट की चुदाई के बाद सर का निकलने वाला हुआ। उन्होंने समीक्षा को अपने सामने घुटनों पर बिठाया, और उसके चेहरे पर अपना माल निकाल दिया। समीक्षा के पूरे चेहरे पर सर का माल था। फिर सर वहीं हांफते हुए कुर्सी पर बैठ गए।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। कहानी की फीडबैक pritankagupta3@gmail.com पर दें।