पिछला भाग पढ़े:- स्कूल मैडम की जवानी-2
दोस्तों पहली दोनों सेक्स स्टोरीज़ में मैंने आपको एकता मैडम और उनकी दोस्त साक्षी की कहानी जो मेरे साथ घटी थी, के बारे में बताया। आज मैं आपको अपनी एक और कहानी जो एकता मैडम के साथ मेरे ट्रेन सफर की है, शेयर कर रहा हूं।
जैसे कि मैंने आपको लास्ट स्टोरी में बताया था, कि मुझे मेरी बीवी को लेने दिल्ली और एकता को अपने पति से मिलने नोएडा जाना था, तो मैंने और एकता ने फ्लाइट की बजाय ट्रेन से जाने का प्लान किया था। मैंने राजधानी ट्रेन की फर्स्ट क्लास की दो टिकटें बैंगलोर से दिल्ली की करवा ली थी।
मैं एकता को ट्रेन में चोदने का प्लान उसके नोएडा जाने के बताने पर ही कर चुका था। वो बार-बार बोल रही थी अरुण हम लोग फ्लाइट से ही चलते है ट्रेन में बोर हो जायेंगे।
मैंने उससे बोला: क्या तुम मेरी बात नहीं मानोगी?
तो वो बोली: मेरी जान, आपकी बात को मैं कैसे टाल सकती हूं। आप मेरी जान हो। आपको खुश रखना मेरा स्त्री धर्म है। आपको मैं अपनी जिंदगी में कभी नाराज़ नहीं करूंगी। आप जो बोलोगे वही करूंगी।
वो थोड़ी भावुक हो गई और मेरे कंधे पर सर रख कर रोने लगी। मैंने उसे शांत किया। फिर एक किस गले पर और होठों पर दिया, और ऑफिस के लिए चला गया। ऑफिस पहुंच कर मैंने उसे बताया कि-
मैं: हमारी ट्रेन टिकट कन्फर्म हो गई है, और आज ही रात आठ बजे की ट्रेन है। तो मैं सही पांच बजे घर आ जाऊंगा, और हम रेडी हो कर निकल जायेंगे।
हमारा अपार्टमेंट स्टेशन से थोड़ा दूर है, तो हमें बैंगलोर के ट्रैफिक के हिसाब से थोड़ा जल्दी निकलना था। मैं ठीक पांच बजे घर पहुंचा, अपना एक सूटकेस लिया, और एकता के घर पहुंच गया। एकता रेडी थी। मेरे कुछ कपड़े एकता के घर में ही थे, क्योंकि हम एक महीने से साथ ही रह रहे थे, और मैं एकता के घर से ही ऑफिस जाता था, और वापिस भी वहीं आ जाता था।
हम दोनों ने कैब बुक की, और हम स्टेशन के लिए निकल पड़े। करीब साढ़े सात बजे हम स्टेशन पर पहुंच गए। हमारी ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी थी। मैंने पहले थर्ड एसी में अपने नाम चार्ट पर ढूंढने का नाटक किया। मैंने अभी तक एकता को फर्स्ट क्लास के बारे में नहीं बताया था। हमारे नाम चार्ट में नहीं थे। मैंने टीसी के पास जाने का नाटक किया और बोला-
मैं: सर हमारा टिकट कन्फर्म है, लेकिन चार्ट में हमारा नाम नहीं है।
उसने बोला: सर आपकी सीट आगे फर्स्ट क्लास में है।
हम दोनों फर्स्ट क्लास के कोच में चढ़ गए, और सीट ढूंढने लगे। एक केबिन में हमारी सीट थी। एकता मेरे मुंह की तरफ देख रही थी, और बोली-
एकता: शैतान, इसलिए आप ट्रेन से जाने के लिए जिद कर रहे थे क्या?
मैंने बोला: मेरी जान, आज इस एक्सपीरियंस का भी मजा लेते है। सभी लोगों को आज तक सुना है चलती ट्रेन में प्यार करने का मजा अलग होता है।
वो एक-दम चहक उठी: ओह माई गॉड, ट्रेन में प्यार का मजा!
हम अपनी सीट पर मतलब अपने केबिन में बैठ गए। करीब दस मिनट बाद ट्रेन चल पड़ी। तभी एक अटेंडेंट ने हमारे केबिन को नॉक किया। मैंने उठ कर केबिन खोला। उसने गुड इवनिंग सर और मैडम बोला। हमने भी उसे जवाब दिया।
उसने हमारे डिनर के बारे में मेनू पूछा और बोला: इस सफर में मैं आपकी सेवा में रहूंगा। जो भी चीज आपको चाहिए, आप मुझे बता सकते है।
उसका नाम रिंकू था। इतने में एकता उठ कर बाथरूम चली गई।
मैं बोला: यार रिंकू, फर्स्ट क्लास कपल के लिए सही है। लेकिन यार सीट बहुत छोटी है। एक साथ कैसे सोएंगे?
वो हंसा और बोला: सर सीट तो इतनी ही मिलेगी, बाकी आप रिंकू के साथ है, आपके लिए कुछ जुगाड़ करते है। आपको नीचे लेटने में कोई प्राब्लम तो नहीं होगी ना?
मैंने कहा: नहीं भाई, हम तो जमीन पर सोने वाले लोग है।
मैंने झट से एक पांच सौ का नोट उसकी जेब में रख दिया।
वो बोला: सर आप एंजॉय कीजिए, मैं अभी आपका डिनर दे जाता हूं। आप मेरा मोबाइल नंबर ले लीजिए, आपको कोई भी चीज की जरूरत हो आप कॉल कर लेना। आपको कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा।
कुछ समय में एकता केबिन में आ गई। तभी रिंकू भी हमारे लिए पानी की बोतल और हमारा डिनर ले कर आ गया।
वो बोला: सर आप डिनर कीजिए। मैं आधे घण्टे में आता हूं।
मैंने और एकता ने अपना डिनर फिनिश किया। एकता ने मेरे गाल पर एक पप्पी दी, और बोली-
एकता: शैतान हो आप।
मैंने उसे गले लगाया और उसके माथे और गाल पर किस किया। इतने में रिंकू ने आवाज दी-
रिंकू: सर गेट खोलिए।
वो एक फोल्ड किया हुआ बेड हाथ में लिया था।
वो बोला: सर, मैडम, आप एक बार बाहर आए।
हम बाहर आए और उसने बेड जमीन पर डबल करके लगा दिया, और बेड शीट बिछा दी। वो बेड ट्रेन की दो सीट को जोड़ कर बनाया था, जो अटेंडेंट लोग सोने के लिए यूज करते थे। लेकिन आज ये हमारा बेड था।
रिंकू बोला: सर आप लोग रेस्ट कीजिए। हम लोग सुबह मिलते है। ये कंपार्टमेंट लॉक रहेगा। यहां रास्ते में कोई सवारी नहीं चढ़ेगी। बाकी कोई बात हो तो आपके पास मेरा नंबर है।
फिर वो हमे गुड नाईट बोल कर चला गया। एकता मुझे घूर रही थी। हमने केबिन लॉक किया, और अपने बिस्तर पर आ गए।
एकता बोली: मैं चेंज करके आती हूं।
उसने एक ब्लू कलर की नाइटी अपने लगेज से निकाली और बदलने के लिए बाथरूम में जाने लगी।
मैं बोला: जान यहीं बदल लो।
उसने कहा: ठीक है।
फिर उसने अपनी सलवार उतारी, और मैंने उसका सूट उतारा। वो ब्रा और पैंटी में आ गई। जैसे ही उसने अपनी नाइटी पहनने के लिए उठाई, मैंने वो उससे छीन कर सीट पर डाल दी, और उसे दबोच लिया। मैंने उसके बूब्स को दबा लिया और उसके होठों पर किस करने लगा। वो भी हरकत में आ गई, और मेरा साथ देने लगी।
तभी उसने मेरे लोअर में उभरे हुए लंड को पकड़ लिया। मैं उसकी पैंटी में हाथ डाल कर चूत को उंगली से चोदने लगा। वो पागल हो गई और मुझ पर टूट पड़ी। उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी, और लोअर को भी उतार कर साइड में फैंक दिया। अब मेरा लंड उसके हाथ में था, और मैं सीट पर बैठ गया। उसने नीचे बेड पर बैठ कर मेरे लंड को मुंह में ले लिया। मैं उसकी चूचियों को दबाता रहा, और वो लंड चूसती रही।
फिर हम 69 पोजिशन में बेड पर आ गए। वो मेरे ऊपर आ कर लंड को चूस रही थी। उसकी चूत मेरे मुंह पर थी। मैंने भी अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदना स्टार्ट किया। कुछ दस मिनट के बाद वो झड़ गई। उसका सारा पानी मेरे मुंह पर ही गिर गया। फिर वो मेरी तरफ अपना मुंह करके मेरे उपर आ गई, और अपना ही पानी मेरे मुंह पर से चाट कर पी गई।
क्या गजब का एहसास था दोस्तों। अब वो मेरे लंड को अपनी चूत मे फसा कर मेरे उपर से ही मुझे चोदने लगी। क्या गजब की चुदाई की उसने। उसके बाद मैंने उसे बेड पर ही घोड़ी बनाया, और दे दना दन उसकी चूत पर लग गया। वो भी मजे से चुदवा रही थी।
तभी वो बोली: अरुण आज मेरी गांड भी चोद दो।
मैंने उसे मना किया: अभी तुम अपने पति के पास जा रही हो। तुमने पहले गांड नहीं मरवाई है। तुम्हें बहुत दर्द रहेगा, तो अपने पति को क्या बोलोगी?
वो बोली: मुझे आज ही मरवानी है। मैं मेरे पति को कुछ भी बोल दूंगी। पिछले एक महीने से तुम ही मेरे पति हो, और तुमने वादा किया था जो मैं बोलूंगी वो तुम करोगे।
मैंने उसकी बात सुन कर थोड़ा सोचा। उसके बाद क्या हुआ, वो आपको इस हिंदी सेक्स कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा।
अगला भाग पढ़े:- स्कूल मैडम की जवानी-4