यह मेरी पहली सेक्स की सच्ची घटना है, कि मैं गांव से एक दूर शहर में पढ़ाई करने के लिए बाहर निकला, और मेरा पहला सेक्स मेरे ट्रेन के बगल वाली लड़की के साथ हुआ। मेरी इच्छा हुई कि मैं अपनी सेक्सी लड़की की चुदाई कहानी आप लोगों के साथ साझा करूं।
मेरा नाम अमन है। यह 2022 की बात है। तब मैं बी.एस.सी. सेकंड तृतीय में था। मैं स्टेशन पर खड़ा ट्रेन का इंतज़ार कर रहा था। सुबह के 10 बज रहे थे। मैंने अचानक उस लड़की को देखा और देखते ही रह गया। क्या खूबसूरत लड़की थी। फिर स्टेशन में अनाउंस हुआ कि ट्रेन दूसरे प्लेटफार्म पर आ रही थी। मैं उसे लड़की को देखते-देखते दूसरे प्लेटफार्म पर चला गया।
मैं उसी डिब्बे में जाकर बैठा जिसमें वह खूबसूरत लड़की बैठी थी, और उसके बगल में बैठ गया। इससे पहले मैं किसी लड़की से बात करने में शरमाता था। वह घर के बने चिप्स खा रही थी। उसने मुझे भी पूछा। मैं तो मौके की तलाश में था, तो मैंने तुरंत चिप्स ले लिया।
इसके बाद मैं उसका हाल-चाल, कहां से है, सारा कुछ धीरे-धीरे पूछने लगा, और अपने बारे में बड़ी-बड़ी कहानियां बताने लगा, जो वह बड़े ध्यान से सुन रही थी। वह भी अपनी अच्छी-अच्छी कहानियां बताने लगी। इस तरह बात चालू हो गई। और हां, उसका नाम बताना तो भूल ही गया। उसका नाम आकृति था। वह एक स्कूल की टीचर थी। उसके बड़े-बड़े बूब्स देखते ही लंड खड़ा हो जाए। लेकिन मैंने उस टाइम ऐसा नहीं सोचा था। उस टाइम उसकी सिर्फ खूबसूरती देख रहा था।
मैं उसी डिब्बे में जाकर बैठा जिसमें वह खूबसूरत लड़की बैठी थी, और उसके बगल में बैठ गया। इससे पहले मैं किसी लड़की से बात करने में शरमाता था। वह घर के बने चिप्स खा रही थी। उसने मुझे भी पूछा। मैं तो मौके की तलाश में था, तो मैंने तुरंत चिप्स ले लिया।
इसके बाद मैं उसका हाल-चाल, कहां से है, सारा कुछ धीरे-धीरे पूछने लगा, और अपने बारे में बड़ी-बड़ी कहानियां बताने लगा, जो वह बड़े ध्यान से सुन रही थी। वह भी अपनी अच्छी-अच्छी कहानियां बताने लगी। इस तरह बात चालू हो गई। और हां, उसका नाम बताना तो भूल ही गया। उसका नाम आकृति था। वह एक स्कूल की टीचर थी। उसके बड़े-बड़े बूब्स देखते ही लंड खड़ा हो जाए। लेकिन मैंने उस टाइम ऐसा नहीं सोचा था। उस टाइम उसकी सिर्फ खूबसूरती देख रहा था।
आकृति का स्टेशन मेरे स्टेशन से पहले था, और जब स्टेशन आने वाला था, तो मैंने उससे बोला कि अगर दोबारा आना हुआ तो? उसने नंबर दे भी दिया और मैंने नंबर को कॉल करके चेक भी कर लिया, कि कहीं गलत तो नहीं था।
थोड़ी देर बाद उसका कॉल आया। तब मुझे पता चल गया लड़की रुचि रख रही थी। तो मैंने उसी रात को उसको कॉल किया। शुरुआत में हाल-चाल पूछना चालू किया, उसके बाद फ्लर्ट चालू कर दिया, और हमारी ट्यूनिंग अच्छी मैच होने लगी। मेरा घर उसके घर से बहुत दूर था, तो बहुत दिनों तक बातें होती रही। बातों ही बातों में पीरियड से लेकर कब सेक्स चैट की ओर बढ़ गए पता ही नहीं चला।
मैं उस लड़की के हर रहस्य को जान गया था। फिर एक दिन उसे किस्स करने को बोला, लेकिन उसने मना कर दिया। उसके अगले दिन बिना कुछ कहे मोबाइल में किस्स दे दिया। हमारी बातें वीडियो कॉल पर भी होने लगी। सेक्स चैट करते-करते हम दोनों गर्म हो गए थे।
मैंने उसके बूब्स देखने की इच्छा जताई। वह पहले मना कर रही थी। लेकिन मेरे बार-बार कहने पर वह वीडियो कॉल में दिखाने के लिए मान गई। उस दिन मैं पहली बार किसी लड़की के बूब्स देखें, और देखते ही हिलाना चालू कर दिया। उस रात दो-तीन बार लंड हिलाया, तब जाकर शांत हुआ।
इस तरह रोज हमारी सेक्स चैट होने लगी। वह बात करते-करते इतनी गरम हो जाती कि वह वीडियो कॉल में चूत भी दिखा देती, और वह उसी दिन चूत में उंगली भी डाली। हम दोनों अलग-अलग शहर से थे, लेकिन सेक्स चैट भरपूर होती थी। फिर हम लोगों ने मिलने का प्लान बनाया, लेकिन मिलने की कोई जगह नहीं मिल रही थी, क्योंकि वह अपने शहर में बहुत डरती थी।
एक दिन मैं उसके शहर गया उसको बिना बताए, और स्टेशन के वेटिंग रूम में रुका। उसको कॉल करके बुलाया। वह यह सुन कर खुश हो गई, और मेरे पास आ गई। लेकिन वह रूम में आने से डर रही थी। मैंने उसको विश्वास दिलाया। उसको बेड में बिठाया, और उससे ढेर सारी बातें की। तब जाकर उसका डर शांत हुआ।
फिर मैं उसको उत्तेजित करने का प्रयास करने लगा। लेकिन वह नहीं हो रही थी। तो मैंने थोड़ा उसको किस्स करने की कोशिश करने लगा। फिर वहीं ना-ना करते हुए मैंने किस्स कर लिया। उसका विरोध धीरे-धीरे कम होने लगा, और मेरे हाथ उसके बूब्स को कपड़ों के ऊपर से दबाने लगे।
मैं उसके टॉप को नीचे से ऊपर किया, और उसके निपल्स को चूसने लगा। वह धीरे-धीरे उत्तेजित होने लगी थी। फिर मैं उसका पेंट उतार दिया, और पैंटी को भी निकाल दिया। फिर वह एक-दम एक नंगी खड़ी थी। अब मैंने उसको बेड लिटाया, और उसके ऊपर चढ़ गया। फार उसकी जांघों को खोल कर, अपने लंड को उसकी चूत में लगाया।
लंड मे चूत जाते ही उसकी चीख निकल गई। लेकिन मैं कहां रूकने वाला था, और आगे-पीछे करता रहा। थोड़ी देर बाद उसको मजा कम और दर्द ज्यादा होने लगा। मैं उसकी हालत को देख कर रुक गया। फिर मैं लंड बाहर निकाल कर उसके बूब्स के साथ खेलता रहा, और किस्स करता रहा। हमारी यह चुदाई अधूरी रह गई। उसका पहली बार था, और मेरा भी। फिर मैं वापस आ गया।
एक दिन उसके घर वाले कहीं बाहर गए थे। इस मौके को देख कर उसने मुझे बताया। मैं उसके घर रात को पहुंच गया। इस बार वह ज्यादा तैयार होकर एक-दम सेक्सी लग रही थी। इस बार माहौल अलग था। वह एक-दम से चुदाई के लिए तैयार थी।
मैं अपने साथ गुलाब और चॉकलेट लेकर गया। इस बार वह इतनी ज्यादा चहक रही थी, कि मैं उसको देख कर देखता ही रह गया। मेरी नज़रें उस पर से नहीं हट रही थी। मैंने जाते ही उसको बाहों में भर लिया और चूमना चालू कर दिया।
उसने बोला: रूको, अभी तो पूरी रात बाकी है।
मैं नहीं रुका।
मैंने कहा: इतनी खूबसूरत लड़की सामने हो, तो कौन ही पागल रुकेगा?
गेट बंद करते ही, गेट में सट्टा कर किस्स करना चालू कर दिया। वह इस बार मेरा साथ भरपूर दे रही थी। फिर मैंने उसके चूचों को हल्का-हल्का दबाना शुरू कर दिया, और वह सिसकारियां भरने लगी शस्स शशश आह हहह!
मेरा लंड कड़क हो गया था। आकृति मेरी पेंट के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ने लगी। मैं उसका टॉप उतारा फिर किस्स करते-करते उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, और उसके बूब्स को आजाद कर दिया। मैं उसके एक-एक बूब्स के साथ खेलने लगा और जोर-जोर से दबाने लगा। फिर उसके बूब्स को अपने मुंह में भर लिया। मैं कभी दबाता, कभी कटता, वह एक-दम से पागल होते जा रही थी। फिर खड़े-खड़े ही उसकी पेंट उतार दिया।
पेंटी के अंदर मेरा हाथ चला गया अब।उसकी चूत गीली हो गई थी, तो वह मेरे लंड को चूसने के लिए भी मान गई। उसने मेरे लंड को पेट से निकाला और एक-दम लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। क्या जन्नत थी। यह मेरा पहली बार था। मैं झड़ने वाला ही था। फिर मैंने उसके मुंह में ही अपना माल गिरा दिया। वह उसको पी गयी।
मैं उसकी चूत पैंटी के ऊपर से ही छू रहा था, और उससे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
वह बोलने लगी: अब चोदो, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
मैंने फिर उसको बेड में लिटा कर उसके पैरों को फैलाया, और पेंटी को उतारा। वह मेरा लंड हिला-हिला कर फिर से खड़ा कर दी। मेरा लंड पुनः खड़ा हो चुका था। फिर मैं खड़ा हुआ, उसकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रखा, और अपना लंड उसकी चूत पर रख कर थोड़ा धक्का मारा।
मेरा लंड उसकी चूत में आधा ही घुसा, पर वह दर्द के मारे चिल्ला उठी। तब मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रखे, और फिर धक्का मारा। इस बार मेरा लंड पूरा उसकी चूत में घुस गया। वह पुनः दर्द से चीख उठी। मैं फिर 2 मिनट रुका, ताकि उसका दर्द कम हो जाए। फिर आकृति खुद ही अपनी गांड उठाने लगी। मैं भी उसकी चूत में अपना लंड आगे-पीछे करने लगा।
आकृति सेक्सी-सेक्सी आवाज निकालने लगी: आह आह, फक मी जान, फक मी!
मैंने भी चुदाई की रफ्तार बढ़ा ली। 10 मिनट चोदने के बाद मैं आकृति को घोड़ी बना कर चोदने लगा। आकृति तीन बार झड़ चुकी थी, लेकिन मेरा अभी तक नहीं हुआ था। इस बार मैं बेड पर लेटा, और उसको अपने ऊपर लंड पर बैठा लिया। 10 मिनट बाद मैं भी झड़ गया।
उस रात मैंने आकृति को 3 बार चोदा। रात के 3:00 बज चुके थे। जब मैं सुबह 4:00 बजे वापस आ रहा था, तो वह मुझे आने नहीं दे रही थी। लेकिन उसके घर वालों की वजह से मुझे आना पड़ा। मैंने उसको किस्स किया और मैं अपने रूम पर चला आया। इस तरह मैंने उसको कई बार चोदा, कभी घर, कभी बाहर, कभी होटल, कभी टूर में।
जब उसकी शादी की बात चलने लगी तो उसने मुझसे मिलने के लिए मना कर दिया। लेकिन शादी के होने से पहले मैं उससे मिलना चाहता था। तो मैं शादी से पहले मिलने के लिए किसी ना किसी तरह से उसको मना लिया। वह पहले मना कर रही थी, लेकिन आखिरी बार मिलने की वजह से वह मान गई।
उसको मैंने होटल में बुलाया। वह इस बार सिर्फ मिलने के मूड से आई थी। लेकिन मैं उसको देख कर कहां मानने वाला था। मैंने आखिरी बार कह कर उसको किस्स के लिए मना लिया, और अपने होंठ उसके होंठों में रख दिए। आखरी बार होने की वजह से मैं उसके होठों को करीब 10 मिनट तक चूसता रहा।
मैं उसके होंठों जगह उसकी गर्दन को चूमने लगा, और उसके अन्दर गर्मी पैदा होने लगी। वह पानी बिन मछली की तरह मचलने लगी, और मुझसे चिपकने लगी। मुझे वो अपने से दूर नहीं कर पाई। मुझे खुल कर खेलने का मौका मिल गया था। तो मैं भी आगे बढ़ने लगा।
मेरा एक हाथ उसके मम्मों पर था। मैं उसके बूब्स को दबाने लगा, तो वह और ज्यादा मचलने लगी। मचलते हुए देख कर उसके घर वाली कहानी याद आ गई, और मैं मुस्कुराने लगा।
वह यह मुस्कुराहट देख कर मुझे पूछने लगी: क्या हुआ?
मैं जब बताया उसे तो वह भी मुस्कुरा रही थी। मैं उसकी गर्दन पर किस्स करते-करते चूचों पर भी किस्स करने लगा।
जैसे ही मैंने उसके मम्मों पर अपने होंठ रखे, तो वह मदहोश होकर बोलने लगी: अब कितना तड़पाओगे मेरी जान!
मैंने उसके बूब्स को बहुत पिया। उसके मम्मों को पीने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं काफी देर तक उसके मम्मों को पीता रहा, और उसे मजे देता रहा। उसने मुझे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह खुद बहुत मदहोश ही गई थी। चाह कर भी वो मुझे रोक नहीं पाई। मैंने मौका पाकर उसकी नीली पेंटी निकाल दी।
उसकी चूत एक-दम सफाचट थी। बाल तो मानो उसकी चूत पर उगे ही नहीं थे, शायद वह वैक्स करके आई थी। उसकी चूत किसी विदेशी लड़की के जैसी थी। मेरा लंड अकड़ गया, और उसकी चूत में जाने के लिए उतावला होने लगा था। अब मुझसे भी रुका नहीं जा रहा। मैंने उसकी बुर पर थोड़ी देर तक किस्स किया, तो आकृति तड़पने लगी और चुदासी हो गई।
मैं भी ज्यादा देर ना करते हुए उसे चोदने को तैयार हो गया। मैंने उसको अपने सामने सही पोजीशन में सैट किया। फार उसकी दोनों टांगों को खोल कर अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर लगा दिया। मेरा लंड भी अब उसकी चूत में आराम से अन्दर-बाहर हो रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
करीब दस मिनट तक चोदने के बाद मेरा लंड झड़ने वाला हो गया था। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसे जोर-जोर से चोदने लगा। उसे भी बहुत मजा आ रहा था, तो उसके मुंह से आह आह उह की आवाज निकल रही थी। मैंने उससे कहा कि अब मैं होने वाला था, तो उसने कहा कि हो जाओ, मैं तो हो गई।
मैं यह सुन कर उसे और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा, और इस दौरान निकालने के साथ ही निढाल हो गया। मैं थक कर उसी के ऊपर गिर गया था।
उसने मुझे अपने ऊपर से उठाते हुए कहा: चलो हटो जान। अब मुझे जाने दो। बहुत देर हो चुकी है।
मैं हट गया। उसने उठ कर जल्दी से कपड़े पहने,और बाहर निकल कर अपने घर चली गई। अब उसकी शादी हो गई है। अब वह बात नहीं करती। अब मैं भी उसको कॉल या मैसेज नहीं करता। यह मेरी पहली सेक्स कहानी है। मेरी कहानी आप बताइए कैसी रही, और अपना सुझाव जरूर दीजिए
aman1436391@gmail.com