विधवा बुआ को खुशी दी

हैलो रीडर्स। स्वागत है आप सभी का मेरी स्टोरी में, जिसमें आपको अपनी एक बुआ की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूं। जिसमें मेरी विधवा बुआ मुझसे चुद गई।

सबसे पहले में आपको अपने और बुआ के फैमली रिलेशन के बारे में थोड़ा बता दूं, और कुछ सदस्यों के बारे में, तांकि कहानी समझने में थोड़ी आसानी रहे। मेरे दादा जी 4 भाई थे, जिसमें मेरे दादा जी सबसे बड़े थे। मेरे सबसे छोटे दादा जी के 2 बेटे और 2 बेटियां है, मतलब 2 चाचा और 2 बुआ। सबसे बड़े चाचा की शादी हो चुकी है, और दोनो बुआ की भी ही चुकी थी।

लेकिन 5 महीने पहले मेरी छोटी बुआ, जिनकी उम्र 35 होगी, के पति की अचानक तबियत खराब होने से डेथ हो गई। उनकी 2 बेटियां है। बड़ी लड़की 5 साल की, और छोटी 3 साल की। फूफा जी की डेथ के बाद वो अपने मायके में ही रहने आ गई। हम सभी एक ही घर में रहते है।

बस सब का हिस्सा अलग है, लेकिन सब के यहां आना-जाना होता है। यहां मैं अपने फैमली मेंबर्स की बात नहीं कर रहा हूं, क्यूंकि यह उनका कोई रोल नहीं है। अब आते है असली कहानी पर।

एक दिन चाची और उनकी बेटियां उनके मायके गई हुई थी, और उन्हें कुछ दिन बाद आना था। बड़ी बुआ के घर पर अचानक किसी की तबियत खराब हो गई, इसलिए छोटे चाचा दादी को लेकर उनके घर चले गए। घर पर बड़े चाचा और बुआ और उनकी बेटियां थी। बड़े चाचा अपने काम से निकल गए अब वो रात को आते। बुआ घर पर अकेली थी।

मैं अपने घर पर था और अपना काम कर रहा था। तभी उन्होंने मुझे कॉल किया और बोली-

बुआ: वरुण तुम थोड़ा मेरे घर आओ। गुनगुन (बुआ की बड़ी बेटी) रो रही है। थोड़ा उसको बाहर घुमा दो तो मन बहल जाएगा।

मैंने कहा: ठीक है बुआ, 2 मिनट में आया।

फिर मैं गुनगुन को लेकर थोड़ी देर बाज़ार निकल गया, 3 बजे करीब। आते-आते गुनगुन को नींद आने लगी, और वो मेरी गोद में ही सो गई। घर आकर मैंने उसे बेड पर सुला दिया। तब तक उनकी छोटी बेटी भी सो चुकी थी। वापस आते 5 बज चुके थे।

मैं वापस जाने लगा तो बुआ ने कहा: बैठ लो थोड़ी देर।

तो मैं बैठ गया। थोड़ी देर इधर-उधर की बातें होते हुए अचानक से बुआ रोने लगी।

मैंने कहा: क्या हुआ बुआ, क्यों रो रही‌ हो?

बुआ: कुछ नहीं बस तुम्हारे फूफा जी की याद आ रही है।

और फिर जोर से रोने लगी। मैं उन्हें शांत करने लगा तो मेरे सीने पर लग कर रोए जा रही थी। मैंने उनकी पीठ पर हाथ फेरा और उन्हें चुप कराने लगा। वो शांत हुई और धीरे से मेरी पीठ पर हाथ ले जा कर मुझे पकड़ लिया। हम दोनों थोड़ी देर वैसे ही शांत बैठे रहे।

उन्होंने अपना एक हाथ मेरे लंड पर पैंट के उपर से ही रख दिया, तो मैं खिसक कर पीछे हो गया। मेरे मन में कभी भी उनके लिए कोई ग़लत विचार नहीं थे। पर मैंने सोचा शायद गलती से हाथ फिसल गया होगा। पर उन्होंने फिर अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया।

मैंने कहा: बुआ ये क्या कर रही है आप?

बुआ: वरुण मैं बहुत अकेली हूं, तुम्हारे फूफा जी के जाने के बाद से।

मैंने कहा: उनकी कमी तो कोई पूरी नहीं कर सकता। लेकिन यहां हम सभी है ना। आपको कभी भी किसी भी चीज को प्रॉब्लम नहीं होगी।

वो कहने लगी: सारी कमियां तो सब कोई पूरी कर सकता है। पर एक कमी कैसे पूरी होगी?

मैंने कहा: कौन सी?

तो उन्होंने नीचे पैरों के जोड़ की तरफ इशारा किया। मैं समझ गया कि वो क्या कहना चाहती थी।

मैंने उनसे पूछा: आप बताइए आप चाहती क्या है?

तो उन्होंने मेरे हाथ उठा कर अपने बूब्स पर रख दिए।

बुआ बोली: बेटा इनको दबाओ और प्यार करो मुझसे।

मैं उनके बूब्स को दबाने लगा। एक-दम टाईट बड़े-बड़े बूब्स थे उनके। बिल्कुल मुलायम स्पंज के जैसे। मेरे शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गई, और लंड में करंट सा लगा, जिससे लंड खड़ा होने लगा। बुआ भी सिसकारियां लेने लगी। मैं मेक्सी के उपर से ही उनके बूब्स दबाए जा रहा था, और वो भी सिसिया रही थी। फिर उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए, और हम दोनों एक-दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे।

वो बहुत ही उत्तेजित होने लगी, और मेरे होठों को जैसे खा ही जाएगी। क्या बताऊं दोस्तों उनके होंठ इतने मुलायम थे, जैसे मेरे मुंह में घुल रहे हो। बुआ ने मेरी पैंट के उपर से मेरे लंड को जोर से पकड़ लिया, और दबाने लगी। मेरी आह निकल गई। अब उनसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। उन्होंने मेरी टी-शर्ट निकाल दी, और मेरे सीने पर किस करने लगी। मैंने अपनी पैंट खोल दी, तो वो झट से उसे नीचे करके अंडरवियर के उपर से लंड को पकड़ कर हिलाने लगी।

बुआ बोली: तुम्हारा तो बहुत बड़ा लग रहा है। इतना तो तेरे फूफा जी का‌ भी नहीं था।

मैंने कहा: पूरा बाहर निकाल कर देखिए, तब पूरा साइज समझ में आएगा।

उन्होंने मेरा अंडरवियर भी निकाल दिया, और उनकी आंखे मेरे लंड पर ही टिकी रह गई।

बुआ बोली: वरुण ये कितना बड़ा और मोटा है। आओ जल्दी इसे मेरे अंदर डाल दो, क्यूंकि कुछ देर में तेरी दादी और चाचा आ जाएंगे।

मैंने देर ना करते हुए उनकी मेक्सी में हाथ डाल कर उनकी जांघो को सहलाते हुए उनकी पेंटी को नीचे खींच लिया, और निकाल के साइड में रख दी। फिर मैं उनकी चूत में उंगली डालने लगा। उनकी चूत बहुत टाइट थी। उनके बच्चे ऑपरेशन से हुए थे इसलिए उनकी चूत टाईट थी।

बुआ बोली: चलो जल्दी दूसरे रूम में, वरना यहां बच्चे जग जाएंगे।

फिर हम दोनों बगल वाले रूम में चले गए, और जाते ही उन्होंने अपनी मेक्सी निकाल दी। वो ब्रा नहीं पहने हुए थी। अब मेरी बुआ मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। वो फिर से मेरे लंड पर टूट पड़ी, और जोर-जोर से हिलाने लगी। मेरा लंड अब पूरे शबाब पर था, और तन कर लगभग 8 इंच लम्बा, और 3 इंच मोटा हो गया था।बुआ देख कर डर गई कि नहीं जाएगा ये तो अंदर।

मैंने कहा: आप टेंशन ना लीजिए।

मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनकी चूत में 2 उंगलियां एक साथ डाल दी, तो वो उछल पड़ी, और जोर से दर्द से कराहने लगी। मैं धीरे-धीरे उंगलियां अंदर-बाहर करने लगा। अब उन्हें भी मज़ा आ‌ रहा था, और वो आह आह उफ़ ऊह उह हां वरुण उफ़ ऐसी आवाजें निकालने लगी।

वो बोली: अब और मत तड़पा, जल्दी कर अब।

मैंने 1 मिनट और उंगली अंदर-बाहर की, तो वो जोर से चिल्लाने वाली थी। मैंने दूसरा हाथ मुंह पर रख दिया और वो झड़ गई। फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सेट किया, और एक ही झटके में आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में उतार दिया। वो दर्द से झटपटा रही थी, और बोल रही थी-

बुआ: बहुत बड़ा है तुम्हारा। मैंने इतना बड़ा कभी नहीं लिया। मेरी चूत फट रही है। आह आह, मेरे पति का तो 4-5 इंच का ही रहा होगा। आह आह, धीरे, मर गई।

मैंने कुछ धक्के धीरे लगाए, और फिर एक जोर का धक्का लगाया, और पूरा लंड चूत में उतार दिया। फिर ताबड़-तोड़ धक्के देने लगा। चूत से निकले पानी से लंड फिसल रहा था, और फच्च फच्च की आवाज़ आ रही थी। अब बुआ का दर्द भी कम हो गया, और वो भी साथ देने लगी, और कमर हिलाने लगी।

बुआ: आह आह आह आह और तेज़ और,‌‌ पूरा अन्दर ओह आह ऊफ़।

मज़ा आ रहा है, आज तो खुश कर दिया तुमने, आह। मैं भी उन्हें जम कर चोदे जा रहा था। बहुत ही मज़ा आ रहा था उन्हें चोदने में। 15 मिनट की चुदाई में बुआ का पानी एक बार निकल चुका था। मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला था, तो मैंने उन्हें पोजिशन बदलने को बोला। वो मेरे ऊपर आ गई और लंड को अपनी चूत में सेट करके उपर-नीचे होने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने उनके उछलते हुए बूब्स पकड़ लिए, और उन्हें दबाने लगा। वो मेरे उपर जोर-जोर से उछल रही थी।

बुआ: उफ वरुण कितना मस्त लंड है तुम्हारा। इतनी गहराई तक जा रहा है आह…।

बुआ अब जोर-जोर से उपर-नीचे हो रही थी, और वो एक-दम ढीली पड़ गई, और मेरे ऊपर लेट गई।

मैं दूसरे रूम में नंगा गया और उनकी पेंटी उठा कर लाया, और फिर उनकी पेंटी से ही उनके पानी को साफ किया। लेकिन मेरा तो अभी बाकी था। मैंने बुआ को साइड में करवट लेकर लिटाया, और उनकी एक टांग हवा में लेकर पूरा लंड एक झटके में ही चूत में घुसा दिया। बुआ की आंखों से आंसु आने लगे।

मैं: क्या हुआ बुआ, बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है क्या?

बुआ: दर्द तो हो रहा है, लेकिन जो सुख तूने दिया है, वो इतने सालों में कभी नहीं मिला।

अब जोर से चोद दो मुझे जी भर के। जैसे चाहो वैसे चोदो पर चोदते रहो। बुआ की ऐसी बातें सुन कर मुझे और जोश आ गया। मैंने और तेज़ झटके देना शुरू कर दिया। अब बुआ की हालत और खराब होती जा रही थी। बुआ का पूरा बदन हिल रहा था। बिस्तर से भी आवाज़ें आने लगी थी।

बुआ: आह आह आह ओह मर गई। आह मैं भी मर गई, मेरी चूत भी मर गई। आह फाड़ दो मेरी चूत को आह आह।

मैं भी अब झड़ने वाला था, तो मैंने लंड को चूत से निकाल कर बुआ के उपर सारा पानी निकाल दिया। फिर उनकी पेंटी से अपना लंड साफ किया, और बुआ ने उसी से अपने शरीर पर लगे मेरे पानी को साफ किया।

बुआ: थैंक्यू वरुण आज तुमने मुझे औरत होने का एहसास दिला दिया। इतने सालों में आज एहसास हुआ कि चुदाई क्या होती है।

फिर मैंने अपने कपड़े पहने और बुआ ने भी मेक्सी पहन ली, और मैं अपने घर आ गया। अब जब भी कभी हमें मोका मिलता है, तो बुआ मुझे बुला लेती और हमारी चुदाई चालू।

तो दोस्तों आशा है आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी।

धन्यवाद