विधवा मां और बेटे की प्यास

मेरी कहानी कुछ ऐसी है‌ कि बाकी कहानियों की तरह मेरी कहानी में कोई डायलॉग्स नहीं है। हम मां-बेटे के बीच कभी बात नहीं हुई चुदाई के दौरान। सब कुछ चुप-चाप हो गया। मेरे पिता जी 2012 में गुजर गए, जो 8 साल से बीमार चल रहे थे। तब मैं 26 साल का था, और मां 45 की।

मां की लम्बाई सिर्फ 5 फ़ीट 3 इंच है, और शरीर में चर्बी बिलकुल ना के बराबर। चूचियां 34″ की, और गांड थोड़ी उठी हुई थी। मेरी मां हमेशा साड़ी ब्लाउज पहनती थी, और रात को ज्यादातर साड़ी उतार कर पेटीकोट और ब्लाउज में सोती थी। वो पेंटी सिर्फ मासिक के दौरान पहनती थी। मैंने उनकी बुर पहले भी काफी बार देखी थी।

उनकी झांटे बहुत थी। कभी साफ नहीं करती थी, और उनकी बुर बहुत छोटी सी थी। वैसे तो मैं उन्हें बहुत पहले से चोदना चाहता था, क्योंकि पिता जी ने 8 साल से उन्हें नहीं चोदा था। पिता जी के गुजरने के सिर्फ एक साल बाद ही मैंने मां की चुदाई कर दी। वैसे मेरा लंड ज्यादा लंबा नहीं है, सिर्फ 6 इंच का है, मगर 3 इंच मोटा है।

पिता जी के गुजरने के बाद मां ज्यादातर मेरे कमरे में ही सोने लगी थी। एक सर्दी की रात मैं 3 पेग रम मार कर सो रहा था। नींद नहीं आ रही थी। पास में मां सो रही थी पेटीकोट और ब्लाउज में। मुझसे रहा नहीं गया, सोचा जो होगा देखा जायेगा, और अपना हाथ मां की चूचियों पर रख दिया और धीरे-धीरे सहलाने लगा।