विधवा मां का रंडीपना-1

हेलो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है। मैं 21 साल का हूं। मैं कानपुर में रहता हूं। आज जो कहानी मैं आप को सुनाने वाला हूं, वो मेरी मां की चुदाई कहानी है।

मेरे घर में मैं और मेरी मां रहती है। मेरे पापा नही रहें। मेरी मां का नाम सुनंदा है। उनकी उम्र 45 है। दिखने में थोड़ी मोटी और सावली है। बड़ी गांड और बड़े-बड़े बूब्स की मालकिन है।

मां स्कूल में टीचर है। सुबह 9 बजे से 5 बजे तक वो स्कूल में रहती है। आपको मैं बता दूं, कि‌ मैं गे हूं, और कई बार अपनी गांड मरवा चुका हूं। अब मुझे हर दूसरे दिन गांड में लंड लेने की आदत है। मैं एक बूढ़े से हर दूसरे दिन गांड मरवाता हूं। अब मैं सीधा कहानी पर आता हूं।

सन्डे के दिन मैं अपनी पढ़ाई कर रहा था। तभी मम्मी का फोन बजा। मैंने मां को आवाज दी, पर वो बाहर पड़ोसी आंटी से बातें कर रही थी। तभी कॉल कट हुआ। फिर मैसेज आया। मैं मैसेज देखने लगा तो दंग रह गया।

वो वसीम अंकल का मैसेज था। उन्होंने एक किताब की फोटो भेजी थी, जिसके कवर पेज पर एक आदमी नंगा खड़ा था, और औरतें उसका लंड मुंह में ले रही थी। और एक आदमी पीछे से गांड की चुदाई कर रहा था।

फिर मैंने उनकी चैटिंग पढ़ी तो मुझे पता चला वसीम अंकल और मां के बीच अफेयर चल रहा था। उसमें वो चुदाई की बातें कर रहे थे। वसीम अंकल एक किताबों की दुकान चलाते थे, जो मां की स्कूल के नजदीक थी। उनकी उम्र 55 साल थी। दिखने में एक-दम हट्टे-कट्टे, भरा हुआ शरीर, एक-दम असली मर्द थे।

मुझे मम्मी पर बहुत गुस्सा आया, पर बाद में अहसास हुआ कि वो भी अकेली थी। उनका भी मन करता होगा चुदाई का। अगर एक अफेयर करके किसी के साथ खुश थी तो उन्हें खुश रहने का हक था। फिर मैंने मोबाइल साइड में रखा, और पढ़ाई कर रहा था।

तभी मम्मी आई और मैंने उन्हें बताया कि उनका मोबाइल बज रहा था, और वो चेक करने लगी। तभी वो स्माइल करते हुऐ बाहर गई, और मोबाइल पर बातें करने लगी।

फिर मम्मी आई और बोली: बेटा मुझे कुछ काम से बाहर जाना है, तो तू घर पर ही रहना।

मैं समझ गया मम्मी चुदाई करवाने जा रही थी। तभी मम्मी तैयारी करने लगी। मेरे दिमाग में आया कि क्यों ना आज मम्मी की चुदाई देखूं। तभी मम्मी तैयार होकर निकलने लगी।

थोड़ी देर बाद मैंने अपनी स्कूटर निकाली, और मम्मी के पीछे गया। मम्मी कॉल पर बात करते हुऐ खड़ी थी। तभी एक कार आई और मम्मी उसमें बैठ गई। मैं कार का पीछा करने लगा। 30 मिनट बाद कार एक फॉर्महाउस पर रुकी।

मम्मी और वसीम अंकल उतर कर अंदर गये। मैं भी उनके पीछे गया, और अन्दर देखने के लिए जगह ढूंढ रहा था। तभी एक एक खिड़की की दरार से अंदर देखा।

अंदर वसीम अंकल और उनकी दुकान पर काम करने वाला एक लड़का बैठा था। वो मेरी ही उमर का था। वो दोनों म्यूजिक चालू करके बैठ गए और शराब की बॉटल खोल कर 3 पैग बनाए। तभी मम्मी चड्डी और ब्रा में आई।

मैं मम्मी को देखता ही रह गया। मम्मी के बड़े-बड़े बूब्स, बड़ी गांड, और सावला बदन।

मम्मी आकर सीधा वसीम अंकल की जांघों पर बैठ गई, और पैग उठा कर चीयर्स करके पीने लगे। वसीम अंकल दारु पीते हुऐ बूब्स दबाने लगे। तभी वो लड़का सिर्फ़ आंखे फाड़ कर देख रहा था।

मम्मी: तुम ऐसे क्यो देख रहे हों? औरत नंगी नहीं देखी क्या?

वसीम अंकल: पहली बार है इसका। इसलिए शर्मा रहा है।

मम्मी: क्यों रे, तुमने कभी चुदाई नहीं की?

लड़के ने ना में सर हिलाया।

मम्मी: आजा-आजा मेरे पास। मेरी ब्रा निकाल।

वो लड़का मम्मी की ब्रा निकालने लगा।

मम्मी: अब मेरे बूब्स चूस, और अच्छे से दबा।

वो मम्मी के बूब्स दबा रहा था, और चूस रहा था। बूब्स बड़े होने के कारण उसके एक हाथ में नहीं आ रहे थे, और झूल रहे थे।

मम्मी: अब एक उंगली मेरी चूत में डाल।

वो लड़का चड्डी को साईड करके चूत में उंगली करने लगा। इधर वसीम अंकल और मम्मी किस्स करने लगे। तभी वसीम अंकल ने अपने कपड़े

उतरना स्टार्ट किया, और नंगे हो गए‌। वसीम अंकल का लंड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। करीब 9 इंच लम्बा था। उस लड़के को भी कहा कपड़े उतारने को, और वो उतारने लगा। फिर मम्मी उठ कर चड्डी उतारने लगी।

तभी वसीम ने मम्मी को सोफे पर बिठाया, और पैर फैला कर चूत चाटने लगे। मम्मी वसीम अंकल के बाल पकड़ कर मज़े से सिसकरियां लेने लगी।

मम्मी: अन्दर डालो जीभ।

वसीम: डाल रहा हूं।

मम्मी लड़के से: तू उधर क्यो खड़ा है? आजा मेरे पास।

लड़का मम्मी के पास गया तो मम्मी ने उसका लंड पकड़ कर हिलाया।

मम्मी: तेरा पहली बार है ना? तुझे ऐसे मज़े दूंगी, तू याद रखेगा मुझे। लंड ऊपर ला मुंह के पास।

तभी उसने मम्मी के मुंह के पास लंड किया और मम्मी मुंह में लेकर चूसने लगी। वो लड़का अपनी आंखे बन्द करके मजे ले रहा था।

मम्मी: नाम क्या है तेरा?

लड़का: विजू।

मम्मी: वसीम, रमेश ने दुकान क्यो छोड़ी?

वसीम: उसे गांव में काम था, तो इसे भेजा। भतीजा है उसका।

मम्मी लंड मुंह से निकाल बोली: लंड तो बड़ा तगड़ा है इसका अपने चाचा की तरह। विजू मेरे बूब्स भी दबा यार।

तभी वसीम उठा और अंदर से एक गद्दा लाया, और नीचे बिछाया। फिर मम्मी को उठा कर नीचे लिटाया। मम्मी ने विजू का का हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर बिठाया और लंड चूसने लगी। वसीम ने मम्मी की चूत में लंड डाला और चोदने लगा। तभी विजू मम्मी की मुंह के ऊपर झड़ गया।

मम्मी: मुंह से लंड क्यों निकाला? पूरा चहरा खराब कर दिया।

विजू: मेरा पानी निकलने वाला था, इसलिए बाहर निकाला।

मम्मी: तो निकलने देता बेटा। इन बुड्ढों का पानी पिया है, तू तो फिर भी जवान है।

मम्मी चहरे का पानी उंगली से लेकर चाटने लगी और बोली: आजा किस्स कर मुझे।

तभी विजू झुक कर किस्स करने लगा। मम्मी उसके होंठ ऐसे चूस रही थी जैसे उसे खा जायेगी।

मम्मी: वसीम जोर से कर मज़ा आ रहा है आहा आह उह।

वसीम ने स्पीड बढ़ा दी, और जोर से चोदने लगा। मम्मी विजू का लंड पकड़ कर मुंह की तरफ करने लगी। विजू फिर से लंड मुंह में डाल दिया। मम्मी चूसने लगी।

वसीम: भोसड़ी के, इतनी जल्दी पानी छोड़ दिया।

मम्मी: पहली बार है उसका, इसलिए जल्दी निकला।

वसीम लंड निकाल कर मम्मी के मुंह के पास आया। मम्मी ने विजू का लंड बाहर निकाला, और वसीम का लंड चूसने लगी। विजू को चूत चोदने का इशारा किया।

इसके आगे क्या हुआ, ये आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। मेरी मां की चुदाई की ये कहानी आपको कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं।

अगला भाग पढ़े:- विधवा मां का रंडीपना-2

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