विधवा मां को रंडी बनाया

हेलो दोस्तों, ये बात उन दिनों की है, जब मैं जर्मनी में था। मम्मी इंडिया में अकेली थी तो मैंने उन्हें अपने ही पास बुलवा लिया। वैसे मम्मी मॉर्डन थी, तो यहां आराम से घुल-मिल गयी। मैंने गौर किया कि मम्मी बहुत बार यहां के गोरे चिकने मर्दों को एक टक देखती थी, और बहुत से लोग भी मेरी मम्मी को मेरे सामने ही घूरते थे, जैसे मानों को कोई रंडी हो।

अब मम्मी का बदन भी तो था इस काबिल था। बड़ी-बड़ी चूची और बड़ी गोल बाहर उभरी हुई गांड। किसी का दिल क्यों ना आये मेरी मम्मी के इस हसीन बदन पर?

वैसे मम्मी विडो थी। कुछ 3 साल पहले पापा के गुज़र जाने के बाद उनका बस एक मैं ही सहारा था, और अब यहां मैं अपनी मम्मी की प्यासी तड़प को देख चुका था।

फिर एक शाम मम्मी ने मुझसे वापस इंडिया जाने कहा। वैसे मैं समझ तो गया था कि मामला क्या था, पर मैंने भी ज़ोर दे देकर कारण पूछा तो मम्मी ने कुछ घुमा-फिरा कर बात कर दी।

मैंने कहा: ठीक है मम्मी, आप चले जाना। पर मैं आपको ऐसी जगह ले चलता हूं कि आप कभी नही भूलेंगी।

अगली ही शाम मैंने मम्मी को एक शार्ट ड्रेस सेट लाकर दिया, और मम्मी को वो पहन कर तैयार होने को कहा। मम्मी थोड़ा शर्माते हुए तैयार होने अंदर गयी पर वो जब बाहर आई, उफ्फ्फ वो क्या क़यामत लग रही थी। मैंने उनके 2 फ़ोटो क्लिक किये और उनका प्रिंट भी निकाला।

मम्मी ने कहा: बेटा ये सब क्या है? बता तो सही क्या चल रहा है?

तो मैंने कहा: मम्मी बस आप देखते जाओ। आज आपको बहुत मज़ा आने वाला है।

अब शाम को करीब 5 बजे मैं अपनी मम्मी को अपने साथ एक बार में ले गया। वहां मैंने उन्हें एक उनकी ही उम्र की एक लेडी से इंट्रोड्यूस करवाया।

मम्मी को देख कर उन्होंने कहा: बहुत अच्छा माल है। आज तो मेरे पार्क में धमाल होने वाला है, वो तुम फोटो भी लाये हो ना?

मैंने उस लेडी को मम्मी के फोटो देते हुए कहा: ये रहे।

उस लेडी ने मुझे मम्मी को अंदर ले जाने का इशारा किया। मम्मी मुझे देख कर थोड़ी शर्म से लाल थी।

वो बोली: ये जगह कहीं देखी हुई लग रही है।

मैंने मम्मी का हाथ पकड़ा और बोला: मम्मी ये यहां का ग्लोरी होल है। आपको तो पता ही होगा ना? पापा ने आपको यहां के बहुत वीडियो दिखाए थे ना? और आपने भी तो पापा से प्रोमिस लिया था कि लाइफ में एक बार यहां लेकर वो आपको आये।

मेरी बात सुन कर मम्मी एक दम शॉक हो गयी।

मम्मी ने एक दम हड़बड़ाहट में कहा: ओ नहीं बेटा, ये सब तुझे कैसे पता?

मैंने कहा: मम्मी ये सब मैंने पापा की डायरी से पढ़ा है, जो आपने ही तो मुझे यहां आने के पहले भेजी थी।

मम्मी शर्म से लाल थी।

मैंने कहा: आप परेशान मत हो, आज यहां की रिकॉर्डिंग भी ऑफ है और आपका फेस तो अंदर की तरफ ही रहेगा।

मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली: बेटा, तू सच में बहुत अच्छा है। बिल्कुल अपने पापा की तरह।

मैंने कहा: मम्मी आज आप बस मज़ा करिये।

और मम्मी को सामने वाले रूम में जाने को कहा। जिसके 2 तरफ कांच की दीवार थी। वहां बीच मे एक कुर्सी रखी थी, मैंने मम्मी को वहां बैठने का इशारा किया।

इतने में ही वो लेडी अंदर आयी और बोली: 2 अंकल है। थोड़ी उम्र के है। उन्हें बस बदन देखना है, और वो इन्हें गरम भी कर देंगे तो मज़ा आएगा। बोले तो भेज दूं?

मैंने कहा: हां भेज दो।

थोड़ी देर में दो अंकल अंदर आये और मैंने इशारे से उन्हें मम्मी को दिखाया। अब मम्मी के सामने ही मैंने उनसे 50-50 यूरो लिए, और वो दोनों उस रूम में गये जहा मम्मी थी। अंदर जाते ही एक अंकल ने मम्मी के बदन पर अपना हाथ फेरा तो मम्मी थोड़ी कसमसा सी गयी। दूसरे अंकल ने मम्मी की कमर पर हाथ फेरा और धीरे-धीरे उन दोनों ने मिल कर मम्मी के कपड़े खोल दिये। उफ़्फ़ मेरी मम्मी आज मेरे सामने पहली बार इस रूप में आई थी।

अब उन दोनों ने मम्मी के बदन से खेलना शुरू किया, और अपनी-अपनी पेंट की चेन खोल कर अपने लंड बाहर निकाल कर मम्मी के हाथ में दे दिए। दोनों ने अपना एक-एक हाथ मम्मी की गांड पर रखा, और एक चांटा मारा जिससे मम्मी की चीख़ निकल गयी, और मम्मी उफ्फ्फ अहह करने लगी। उन दोनों ने और तेज़-तेज़ चांटे मारे। मम्मी को भी मज़ा आ रहा था। मम्मी उन दोनों के लौड़े पकड़ कर हिला रही थी।

कुछ ही सेकंड में दोनों का माल निकल गया, जो मम्मी के हाथ में आ गया। उन दोनों के जाने के बाद वो आंटी फिर आयी और मम्मी के पास गई। अब उन्होंने मम्मी को एक हॉल में जाने को कहा जिसके दूसरी तरफ मैं था। मैंने मम्मी के दोनों पैरों को एक-एक करके हवा में उठाया, और दीवार से लगे एंगल में मम्मी के पैर बंद कर दिए। उफ़्फ़ एक दम चिकनी चूत अब मेरे सामने थी।

अब एक बंदा आया और उसने अपनी जीन्स नीचे करके पहले तो मम्मी की चूत चाटी। मम्मी मचलने लगी, छटपटाने लगी। फिर उस बंदे ने अपना बड़ा सा लौड़ा मेरी मम्मी की चूत पर रखा और धक्के देने लगा। मम्मी की चीखे अहह उफ्फ्फ अहह उफ्फ्फ उफ्फ्फ अहह की आवाज़ों के साथ निकलने लगी। मम्मी की मादक आवाज़ ने सब का दिल जीत लिया, और उस बंदे के बाद एक के बाद एक लगातार 5 बंदों ने मेरी मम्मी की चुदाई की।

मम्मी के चेहरे और खुशी और थकान दोनों साफ थी। अब मैंने धीरे से मम्मी के दोनों पैर खोलें और मम्मी की मस्त मोटी और बाहर उभरी गांड को थोड़ा बाहर खींचा। अब मैंने मम्मी के दोनों पैर नीचे की तरफ बंद कर दिए। मम्मी की चूत का भाव 20 यूरो और गांड का भाव 30 यूरो फिक्स्ड हुआ था। अब इसके बाद कुछ 5 लोगों ने बड़ी बेरहमी से मेरी मम्मी की गांड मार कर अपनी प्यास मिटाई।

हर नए लड़के के नए धक्के और मोटे लंड अपनी गांड में मम्मी उछल-उछल के ले रही थी। अहह उफ्फ्फ आआऊच आआफ्फ मार गयी हहहह नहीं, ऐसे शोर से ग्लोरी होल गूंज रहा था। अब कुछ देर मम्मी ऐसे ही लेती थी, वो उन आंटी ने मम्मी के टेबल का डायरेक्शन बदल के बाहर कर दिया जिससे उनका मुंह बाहर आ गया। 10 यूरो में मम्मी के मुंह की चुदाई का मज़ा कुछ 10 लोगों ने लिया।

मम्मी की हालत बहुत खराब हो गयी थी। ऐसे ही मम्मी की चूत और गांड दोनों पर सूजन था। वहां से बाहर आते टाइम उन आंटी ने मम्मी के हाथ में 100 यूरो दिए और जैसे-तैसे मैं मम्मी को घर लेकर आया, क्योंकि मम्मी से अब चलने तक की हालत में नहीं थी।

घर आकर मम्मी ने मुझे जी भर के लिप किस किये और बड़े प्यार से बोली: बेटा, आज तो तूने सच में मज़ा ले दिया, और अपनी मम्मी को एक रंडी बना दिया।

तो दोस्तों, आपको कहानी कैसी लगी?

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